स्वच्छ भारत

 स्वच्छ भारत

महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। उन्होंने स्वच्छ भारत का सपना देखा था जिसके लिए वह चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें।
महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के स्वप्न को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया और इसके लिए सफल कार्य हो तो सभी भारतीयों को जोड़ने की अपील की| इस अभियान का उद्देश्य अगले 5 वर्ष में स्वच्छ भारत का लक्ष्य प्राप्त करना था ताकि बापू की 150वीं जयंती को इस लक्ष्य की प्राप्ति के रूप में मनाया जा सके| गांधीजी का 150वीं जयंती आगामी 2 अक्टूबर को आने वाला है।आखिर सवाल यह उठता है क्या इन 5 सालों में पूरा हुआ बापू का स्वप्न| एक रिपोर्ट के अनुसार 6,260 लाख से ज्यादा लोग भारत में खुले में शौच करते हैं| यह दुनिया के खुले में शौच करने वाले लोगों की 59 फ़ीसदी आबादी है।
अक्टूबर 2014 में मोदी जी ने भव्य स्तर पर भारत को निर्मल बनाने का अभियान शुरू किया था| अगर उनकी मानें तो भारत के 2,00,000 गांव खुले शौच से मुक्त हो चुके हैं।स्वच्छ भारत अभियान का लक्ष्य है कि अक्टूबर 2019 तक 12 करोड से लेना कर खुले में शौच को बंद किया जाए,पर शायद इस नीति से सुर ज्यादा और काम कम जैसी दिखती है।परंतु यह भी सच है कि स्वच्छ भारत अभियान काफी हद तक सफल भी रहा है।केवल कुछ साल पहले तक सर की गंदगी और भटके गए जानवर से भरी रहती थी,लेकिन जब या प्यार अस्तित्व में आया तो हमने बदलाव देखना शुरू कर दिया। इस अभियान के बाद लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक हुए हैं। हर जगह बदलाव दिखाई देता है कहीं कम तो कहीं ज्यादा।और यह भी सत्य है कि 4 वर्ष पहले लोग व्यक्तिगत तौर पर स्वच्छता के तरफ ज्यादा ध्यान देते थे परंतु इस अभियान के बाद लोग सार्वजनिक तौर पर भी भाग लेना शुरू कर दिया है।हर चौक चौराहे पर कूड़ेदान की व्यवस्था सड़क पर मौजूद सफाई कर्मचारी 4 साल पहले नहीं दिखते थे। रेलवे स्टेशन हवाई अड्डा बस अड्डा के पास कूड़ेदान की व्यवस्था। सफाई कर्मचारी की व्यवस्था होने से आज सभी स्वच्छ और सुंदर नजर आते हैं। नगर पालिका द्वारा सभी के घर कूड़ेदान देने से भी लोग सफाई का महत्व समझे हैं। डोर टू डोर कूड़ा संग्रह काफी सफाई में बहुत बड़ा योगदान रहा है लोग गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल गाना सुनते ही कूड़ेदान लेकर घर के बाहर खड़े हो जाते हैं पहले लोग इसी कूड़ा को नदी नालों में फेंक देते थे। इससे प्रदूषण होता था। इस अभियान को काफी हद तक सफल बनाने में भारतीय नागरिकों का हाथ रहा है क्योंकि जनता जनार्दन के बिना कुछ भी संभव नहीं है।खेल जगत सिनेमा जगत के लोगों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।अभी हाल ही में प्रधानमंत्री को इस अभियान के सफल हेतु अमेरिका में "ग्लोबल गोलकीपर अवार्ड" से भी नवाजा गया है।हम लोगों ने गांधीजी के स्वप्न को काफी हद तक सरकार कर दिया है और करने की जरूरत है खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में तथा इसे बनाए रखने की भी जरूरत है।मेरे हिसाब से 150वीं जयंती पर गांधी जी का सपना 70 फीसदी की साकार हो गया है जो काफी बड़ी बात है। बाकी बचा 30 फीसदी पूरा करने की जरूरत है तभी जाकर पूरी तरीके से बापू का सपना पूरा होगा।



Have a Happy and Learning Day
Nitish Pathak BAJMC- Ist

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