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Showing posts from July, 2021

आज की नारी

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  इस पुरुष -परधान समाज में ओरत का रहना खासकर एक अकेली ओरत का जीवन -यापन करना बेहद मुश्किल हेआज हम आधुनिक युग में जी रहे हे .लेकिन ओरत के लिए इस समाज की परिभाषा व्ही हे जो आज से सालो पहले हुआ करती थी शायद इसीलिए पुराने जमाने में लोग नारी को घर तक ही सीमित रखते थे या उनके लिए घूँघट परथा अनिवार्य थी जो काफी जगहों पर आज भी हे …इसके पीछे हमारी कुटिल मानसिकता नही तो और क्या हे ? आज ओरत बाहर तो बहुत दूर की बात हे अपने खुद के घर में भी सुरक्षित नही हे .आज जमाना बदल चूका हे ,इस महंगाई के दोर में नारी को भी पुरुषो के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर चलना पड़ता हे ..वो एक और दायित्वा उठाने के लिए घर से बाहर निकली हे लेकिन वो कितनी सुरक्षित हे ?..पुरुषो के लिए तो परिस्थितिया वेसी ही हे जेसी पहली थी ,लेकिन ओरतो के लिए बदल चुकी हे .आज ओरत घर का काम भी करती हे और बाहर से आजीविका का प्रबंध भी कर रही हे ,लेकिन कितना अपने आप को सुरक्षित महसूस करती हे .घर से बहार निकलते ही उसे कोई पुरुष अपनी बहन ,बेटी या माँ के रूप में नही देखता ,इस सच्चाई को सभी जानते हे .आज जिस तरह से बलात्कार और छेड़खानी के मामले सामने आ रहे

एक अनोखा तैरता डाकघर

हमारी दुनिया में बहुत सारे अजीबो गरीब चीज़ें मौजूद है | उनमें से कई प्राकृतिक है तो कई का निर्माण इंसानों द्वारा किया गया है | दुनिया में मौजूद ऐसे सारे अजीबो गरीब चीज़ो की अपनी एक अलग खासियत होती है | इनकी इन्ही खासियतों के वजह से इन्हें दुनिया में एक अलग ही पहचान मिलती है | ऐसी अजीबों गरीब चीज़ों के दीवाने इनके इसी पहचान का दीदार करने दुनिया के कोने कोने से आते है और इनकी पहचान को अपने यादों या तस्वीरों में कैद कर अपने साथ ले जाते है | दुनिया में मौजूद ऐसी कई चीज़ें या तो प्राकृतिक तौर पर कुदरती रहष्यमई होती हैं जिनके रहष्य का तोड़ विज्ञान के पास भी नहीं होता है |  ऐसे कुदरती चीज़ों को देख इंसान भी अपने मन में कल्पना कर अपने अंदर के मनोविज्ञान को जागृत करता है | इंसान भी कल्पना करता है की उसके द्वारा बनाई गयी कोई भी चीज़ ऐसे ही सदैव अनमोल रहे | कुदरत से सीखते हुए इंसान ने भी कई ऐसी चीज़ों का निर्माण किया है जो इंसानो के द्वारा बनाए जाने के बाद भी रहष्यमई नज़र आते है | इन्हीं इंसानी कारनामों का नमूना है-पिसा का टेढ़ा टावर ,ताजमहल, भगवान श्री राम के वानर सेना द्वारा समुद्र पर भारत और श्रीलंका को