देव दीपावली: दिव्यता का उत्सव
देव दीपावली: दिव्यता का उत्सव भारतीय सांस्कृतिक कलेंडर में कार्तिक मास की पूर्णिमा को 'देव दीपावली' कहा जाता है। यह एक शानदार त्योहार है जो वाराणसी, उत्तर प्रदेश, में मनाया जाता है । इस अद्वितीय उत्सव का मुख्य उद्देश्य देवताओं का स्वागत करना है और इसे 'देव दीपावली' कहने का कारण है। इस पवित्र दिन पर, वाराणसी के घाटों पर लाखों दीपकों की रौशनी से सुसज्जित किया है। गंगा नदी के किनारे लगे घाटों पर लोग दीपों की माला बनाते हैं और उन्हें गंगा का आरातीक्रमण करते हैं। इसे देव दीपावली के पर्व के तौर पर बनाया गया है, जिसमें लोग अपनी पूजा और भक्ति का अर्पण करते हैं। यह उत्सव वाराणसी को एक अद्वितीय सौंदर्य से सजाता है जब रात के समय दीपों की चमक से गंगा नदी का सारा क्षेत्र रौंगते खा जाता है। इसमें विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक आयाम होते हैं, जो इसे एक अद्वितीय दिव्यता के रूप में उभारते हैं। देव दीपावली का महत्व यह है कि इस दिन भगवान शिव की गंगा में स्नान की अवधि खत्म होती है, जिसे 'देव दीपावली' के नाम से