सावन मास का महत्व और भक्तों के लिए विशेष बातें



सावन मास हिंदू कैलेंडर का वह महीना है जिसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने का संबंध भगवान शिव से होता है और इसे उनके पूजा-अर्चना के लिए सबसे उत्तम समय माना जाता है। सावन मास की शुरुआत जुलाई-अगस्त के महीने में होती है और यह पूरे महीने तक चलता है। इस वर्ष सावन मास २२ जुलाई से शुरू होगा। 


सावन मास का महत्व

भगवान शिव की पूजा: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। शिवलिंग पर जल, दूध, शहद और बेल पत्र चढ़ाकर उनकी आराधना की जाती है।

कांवड़ यात्रा: 



सावन मास के दौरान कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व है। भक्त गंगा नदी से जल लेकर पैदल यात्रा करते हैं और इसे शिवलिंग पर अर्पित करते हैं। यह यात्रा विशेष रूप से उत्तर भारत में बहुत प्रसिद्ध है।




सोमवार का व्रत: सावन के सोमवार को भगवान शिव का व्रत रखना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन महिलाएं और पुरुष उपवास रखते हैं और भगवान शिव की विशेष पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

भक्तों के लिए विशेष बातें

रुद्राभिषेक: सावन के महीने में रुद्राभिषेक का आयोजन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसमें भगवान शिव की विभिन्न सामग्रियों से अभिषेक किया जाता है, जैसे जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर।

बेल पत्र का महत्व: 


भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। बेल पत्र का त्रिपत्रक भगवान शिव के त्रिनेत्र का प्रतीक है और इसे अर्पित करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

भजन-कीर्तन: सावन के महीने में शिव भजन और कीर्तन का आयोजन करना बहुत फलदायी होता है। इससे वातावरण शुद्ध होता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

दान-पुण्य: इस महीने में दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करना और उन्हें अन्न, वस्त्र आदि दान करना पुण्यकारी होता है।

सावधानियाँ

व्रत के दौरान स्वास्थ्य का ध्यान रखें: व्रत रखते समय अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। अगर किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या हो तो डॉक्टर से सलाह लें।

सात्विक भोजन का सेवन करें: सावन के महीने में सात्विक भोजन का सेवन करना उत्तम माना जाता है। मांसाहार और नशीले पदार्थों का सेवन न करें।

शिवलिंग पर तामसिक वस्त्र न चढ़ाएं: भगवान शिव की पूजा में तामसिक वस्त्र, जैसे चमड़े के वस्त्र आदि का उपयोग न करें।

सावन मास भक्तों के लिए भगवान शिव की आराधना और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का उत्तम समय है। इस महीने में किए गए धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य अत्यंत फलदायी होते हैं। भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए इस महीने में विशेष पूजा, व्रत और दान-पुण्य अवश्य करें।

हर हर महादेव!

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