Adani Enterprises Hindenburg Research: क्या है पूरा मामला?
उद्योगपति कोई भी हो,अगर राजनीतिक कारणों से अनपर हमला किया जाएगा तो देश को आर्थिक क्षति हो सकती है ।इसके बारे में एक बार सोचना चाहिए II
अडानी ग्रुप क्या है पूरा मामला?
गौतम अडानी ग्रुप की कंपनियों के मुद्दे पर इस समय देश में राजनीतिक गरमाई हुई है विपक्षी नेताओ ने हिड़नबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के मद्देनजर सरकारी बैंकों द्वारा अडानी ग्रुप को लों देने के मामले में अनियमितताओं पर चर्चा की मांग की है ।वहीं अडानी ग्रुप ने विपक्ष के इन आरोपों को नकार चुकी है ।
वहीं विपक्षी नेता पूरे मामले की एक जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग की है । भारतीय रिजर्व बैंक ने उन सभी बैंकों से ब्योरा मांगा है , जिन्होंने अडानी ग्रुप को लोन दिया है ।वहीं गौतम अडानी ने कहा है कि उनकी कम्पनी के सभी लेन- देन पक्के है । उनकी कंपनी ने किसी भुगतान में कोई गलती(चूक) नहीं की है न ही किसी को वित्तीय नुकसान पहुंचाया है । उन्होंने यह भी ऐलान किया है कि बाजार में यह उतार चढ़ाव पूरी तरह से बिगड़ जाने के बावजूद अपना FPO वापस ले रहे है ।
अब यह सवाल उठता है कि क्या वास्तव में शार्ट सेलर फर्म हिडनबर्ग के पास अडानी ग्रुप के शेयर है ? क्या हमे किसी विदेशी रिपोर्ट को सच मान लेना चाहिए ?क्या SBI और SEBI पर भरोसा करना चाहिए ?
कांग्रेस ने सवाल उठाया है को अडानी ग्रुप के शेयरों में LIC और SBI ने भारी निवेश क्यो किया । LIC और SBI दोनों ने कहा है कि उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है ।
अडानी के पास देश के 6 एयरपोर्ट है , इसके अलावा मुंबई में एयरपोर्ट में हिस्सेदारी है । 2025 में शुरू होने वाले नवी मुंबई एयरपोर्ट को भी अडानी की कम्पनी ऑपरेट करेगी । टॉप सीमेंट एएसीसी और अंबुजा अडानी ग्रुप के पास है ।मुद्रा में स्थित भारत का सबसे बिजी स्पेशल इकनॉमिक जोन अडानी ग्रुप के पास है ।
अंत में मै एक ही बात कहूंगा की अडानी एक उद्योगपति है । इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनकी दौलत कम हो रही है या ज्यादा । लेकिन अडानी ने जो पार्ट्स बनाए , थर्मल प्लांट , एयरपोर्ट , ये आडानी ने स्वयं के इस्तेमाल के लिए नहीं बनाए है यह देश की सम्पत्ति है । और इसका उपयोग हमारे देश की जनता करेगी ।
[उत्सव पांडेय{PGDMC-II}]
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