अयोध्या में मन रहा है प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव

 अयोध्या में  मन रहा है प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव

राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर रामनगरी में 22 जनवरी से पहले तीन प्रतिमाएं  स्थापित किए जाने की तैयारी चल रही है। 




प्राण प्रतिष्ठा तक विभिन्न  पूजन की तिथियां-

अयोध्या में 18 जनवरी को लगभग एक बजे से गणपति पूजन किया जाएगा। इसके साथ ही जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का प्रधान संकल्प लिया जाएगा। इसके साथ मात्रिका पूजन होगा। फिर पंचांग पूजन के बाद मंडप प्रवेश का आयोजन होगा। अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान के तहत 17 को महिलाओं ने कलश यात्रा भी निकाली । रामलला की अनुकृति का राम मंदिर परिसर में प्रवेश कराया गया। यह अनुकृति दस किलो की है। असली रामलला की मूर्ति का वजन ज्यादा होने के कारण इस छोटी मूर्ति का नगर भ्रमण और मंदिर प्रवेश कराया गया है। देर शाम रामलला की असली मूर्ति भी राममंदिर पहुंच गई। आज यानी 18 जनवरी रामलला गर्भगृह में पहुंच जाएंगे। इससे पहले यज्ञ मंडप के 16 स्तंभों और चारों द्वारों का पूजन भी हुआ।  बताया गया है  कि 16 स्तंभ 16 देवताओं के प्रतीक हैं। इनमें गणेश, विश्वकर्मा, बह्मा, वरुण, अष्टवसु, सोम, वायु देवता को सफेद वस्त्रत्त् जबकि सूर्य, विष्णु को लाल वस्त्रत्त्, यमराज-नागराज, शिव, अनंत देवता को काले और कुबेर, इंद्र, बृहस्पति को पीले वस्त्रत्तें में निरुपित किया जाएगा।  मंडप के चार द्वार, चार वेदों और उन द्वार के दो-दो द्वारपाल चारों वेदों की दो-दो शाखाओं के प्रतिनिधि माने गए हैं। पूर्व दिशा ऋग्वेद, दक्षिण यजुर्वेद, पश्चिम दिशा सामवेद और उत्तर दिशा अथर्व वेद की प्रतीक हैं। इनकी विधिवत पूजा के बाद चार वेदियों की पूजा होगी। 


विश्वभर  मे मनाया जा‌ रहा है महापर्व -

यह प्राण प्रतिष्ठा का समारोह केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में महा उत्सव की तरह मनाया जा रहा है। भारत के कोने-कोने से श्री राम के लिए बहुत से उपहार भेजे जा रहे हैं। कहीं से मिठाई तो कहीं से अत्यंत सुंदर आभूषाणो के उपहार मिल रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव को लेकर सभी बहुत उत्साहित हैं। आख़िरकार श्री राम का 550 साल का इंतज़ार पूरा होने वाला है। 

जय श्री राम ।


प्रज्ञा मिश्रा

बीजेएमसी 1

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