''हिंदी हमारी पहचान, हम सभी की शान।"

सूल' निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल, बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटन न हिय के
हिंदी दिवस हिंदी दिवस भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण और गौरवशाली दिन होता है जो हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है । यह दिन हमारी मातृभाषा हिंदी को महत्व को याद दिलाने और प्रमोट करने के लिए होता है। हिंदी का महत्व हिंदी के महत्व को समझने के लिए,हमें इसके ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को देखना चाहिए।हिंदी का उद्भव संस्कृत से हुआ है और यह एक इंदो-आर्य भाषा है । हिंदी के विकास के साथ ही वेदों,उपनिषदों और महाभारत के जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखे गए ,जिनमें भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक ज्ञान का भंडार है। हिंदी को राष्ट्रीय भाषा के रूप में मान्यता दिलाने के प्रयास हुए। बहुत से लोगो ने असहमति जताई थी। जिसके बाद गांधीजी और अन्य अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने हिंदी का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया और इसका समर्थन किया। हिंदी भाषा का योगदान हिंदी का स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा योगदान रहा है और यह दिखाता है कि हिंदी में स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हिंदी एक आदित्य भाषा है जो कला,साहित्य ,संगीत और विभिन्न कलाओं के माध्यम से हमारे जीवन को सुंदर बनती है । हिंदी की साहित्य धरोहर में गोस्वामी तुलसीदास ,सूरदास,प्रेमचंद ,और महादेवी वर्मा जैसी महान लेखकों का महत्वपूर्ण योगदान है। हिंदी दिवस पर हम क्या कर सकते हैं हिंदी दिवस की मौके पर हमें अपनी मातृभाषा के प्रति घर और समर्पण का प्रतीक बनना चाहिए।हमें से सीखना पढ़ना ,और बोलना चाहिए,ताकि हम हिंदी का सही और सुंदर उपयोग कर सके । इसके अलावा,हमें विद्यालय और समाज के हिंदी में हिंदी के महत्व को प्रमोट करने का काम करना चाहिए ,ताकि हमारे आने वाली पीढ़ियाँ भी इसे महत्वपूर्ण रूप से समझे और उसके महत्व को बढ़ावा दें । हिंदी दिवस हमें हमारी मातृभाषा के महत्व को याद दिलाने और उसका समर्थन करने का अवसर प्रदान करता है।हिंदी हमारे राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है और हमें इसका समर्थन करने का दायित्व ,है ताकि हमारी भाषा हमें हमेशा गर्वित और जुड़े रहने का अवसर दे । हमारी तरफ से आप सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं अनुराधा बी.जे.एम.सी-3

Comments

Media College in Delhi Popular Posts

अयोध्या में मन रहा है प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव

नकारात्मक ऊर्जाओं का अस्तित्व और उसके रहस्य ||

श्री विष्णु जब देवशयनी पर पाताल लोक जाते हैं, तब पृथ्वी का संचालन कौन करता हैं ?