राधा अष्टमी: भगवान कृष्ण की प्रिय राधा रानी का जन्म उत्सव !

                                               राधा अष्टमी: भगवान कृष्ण की प्रिय राधा रानी का जन्म उत्सव ! 



राधा अष्टमी एक महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है जो श्री कृष्ण और उनकी प्रिय गोपिका राधा के प्रेम को समर्पित है। यह पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जो कि आमतौर पर आगस्ट और सितंबर के बीच आती है।



राधा अष्टमी का महत्व:


राधा अष्टमी श्री कृष्ण और राधा के अत्यंत महत्वपूर्ण प्रेम को याद करने का अवसर प्रदान करता है। उनका प्रेम भक्तों के बीच महत्वपूर्ण है, और यह पर्व उनके प्रेम की महत्वपूर्ण घटनाओं को याद दिलाता है।

दिन भक्त भगवान कृष्ण और राधा का पूजन करते हैं और उनके नामों का जाप करते हैं। कुछ लोग इस दिन उपवास रखते हैं और विशेष भोग बनाते हैं जो राधा कृष्ण को चढ़ाया जाता है।



राधा अष्टमी पर भक्त अक्सर किर्तन और नृत्य का आयोजन करते हैं। ये कार्यक्रम भगवान के भक्तों के बीच अद्वितीय आत्मीयता और भक्ति की भावना को बढ़ावा देते हैं।

इस दिन महिलाएं और समाज के सदस्य भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम की आदर्श बातों को अपने जीवन में अपनाने की प्रतिज्ञा करते हैं और समाज सेवा का काम करते हैं।



धार्मिक महत्व: 

राधा अष्टमी भगवान कृष्ण और राधा के बीच अत्यंत प्रिय और आदि शक्ति के प्रेम के महत्वपूर्ण पलो को याद दिलाता है, जो हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण है।



राधा अष्टमी एक धार्मिक उत्सव के रूप में हमें भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम के महत्व को समझाता है और हमें उनके प्रेम की भावना को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा देता है। इस दिन को ध्यान में रखते हुए हम भगवान की प्रेम भावना और सेवा की ओर बढ़ सकते हैं। 

!राधे राधे! 

खु़शी अग्रवाल

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