गणेश चतुर्थी: भगवान गणेश के प्रति भक्ति और आदर का प्रतीक

                                                           गणेश चतुर्थी: विघ्नहर्ता का आगमन
हर साल की तरह यह बार भी गणेश चतुर्थी का त्योहार आया है, जो हिन्दू धर्म के एक प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार भगवान गणेश की पूजा और आराधना के लिए मनाया जाता है, जो सभी के दिलों को छू लेते हैं। इस विशेष त्योहार के मौके पर, हम सब मिलकर गणेश जी के आगमन का स्वागत करते हैं, और उनकी कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
गणेश चतुर्थी के महत्व को समझने के लिए हमें पुराने ग्रंथों और कथाओं का सहारा लेना होता है। यह कहा जाता है कि माता पार्वती ने गणेश जी को अपनी प्रतिबिम्ब बनाया और उन्हें जीवन देंने का आदेश दिया। गणेश जी ने अपनी मां की आज्ञा का पालन किया और फिर उन्होंने अपने चारों ओर से आने वाले आपदाओं को दूर कर दिया, इसलिए वे "विघ्नहर्ता" और "सिद्धिविनायक" के नाम से जाने जाते हैं।
इस त्योहार की शुरुआत होती है गणेश जी की मूर्ति के साथ, जिसे सांदलवुड़ या आदर्शित घर में स्थापित किया जाता है। उसके बाद, हम गणेश चतुर्थी के दौरान पूजा अर्चना करते हैं, उन्हें मिठाई और फल चढ़ाते हैं, और उनके चालने के साथ ही गीत और मनोरंजन का आयोजन करते हैं। इस त्योहार का आदर और भक्ति से मनाना हमारे दिलों को शांति और समृद्धि की ओर बढ़ाता है।
गणेश चतुर्थी के इस खास मौके पर, हम सभी को गणेश जी के दिव्य आवागमन को याद करके उनकी आराधना करने का सुनहरा अवसर मिलता है। यह एक ऐसा त्योहार है जो सभी को एक साथ लाता है, चाहे वो बच्चे हों, युवा हों, या बड़े हों। गणेश चतुर्थी हमारे लिए न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का अहम हिस्सा भी है। 

                                      
                                               
                                               जय गणेश! गणपति बाप्पा मोरयामोरया!



KHUSHI AGGARWAL BJMC3

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