ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान
दिल्ली एनसीआर में खराब हवा की समस्या से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान तैयार किया गया है । ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान क्या है इसके तहत चार अलग-अलग चरणों में प्रदूषण की विभिन्न परिस्थितियों से निपटने की तैयारी की गई है। जिसमें शादियों में,दिल्ली एनसीआर में डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है और प्रदूषण रहित जिगजैग तकनीक नहीं अपनाने वाले ईट भट्टे भी बंद रहेंगे। प्रदूषण जांच केंद्रों को भी सख्ती बरतने के आदेश दिए गए हैं। होटल, रेस्तरां और ढाबो में कोयला और लकड़ी जलाने पर रोक लगा दी जाएगी इसके अलावा हवा की क्वालिटी में सुधार के लिए पानी के छिड़काव और मैकेनाइज स्वीपग जैसे उपाय भी पहले से ही उठाए जाएंगे पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण(ईपीसीए) ने 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक इस प्लान को लागू करने का ऐलान किया है।
दिल्ली के आसपास के राज्यों में जलाई जा रही पराली राजधानी में बढ़ रहे प्रदूषण की बड़ी वजह में से एक है दरअसल इस साल देशभर में मानसूनी बारिश सामान्य से 10 फीस ज्यादा हुई है ऐसे में फसलें भी इस बार काफी अच्छी हुई और अभी फसलों की पराली को जलाया जा रहा है जिससे दिल्ली की हवा प्रदूषित हो रही है।अक्टूबर के महीने में हवा के बढते प्रदूषण के कारण यहां के लोगों को सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है।डॉक्टर्स मास्क पहनकर घर से बाहर निकलने को कहते है। जोकि काफी मुश्किल होता है। मास्क बाज़ार में काफी महंगे मिलते है जिन्हे उपयोग में लाना सभी लोगों के लिए संभव नहीं है।इस समस्या से निपटने के लिए इस प्लान को शुरू किया गया है, यदि पूरी इच्छाशक्ति से इसका पालन किया जाए तो इस समस्या से काफी हद तक निपटा जा सकता है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नासा ने 1 से 14 अक्टूबर तक 1645 जगह पर पराली जलाए जाने की घटना देखी है। इन जगहों में पंजाब,हरियाणा और पाकिस्तान भी शामिल है। हवा की दिशा दिल्ली की तरफ होने के कारण दिल्ली में इसका बुरा असर देखने मिलता है।
वायु प्रदूषण से निपटने के प्रयासों में तनिक भी लापरवाही स्वीकार नहीं की जानी चाहिए। दिल्ली सरकार,दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और तीनों नगर निगमों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।पर्यावरण से जुड़े कई गैर- सरकारी संगठनों का मानना है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की बड़ी वजह स्वयं दिल्ली में उत्पन्न होने वाला प्रदूषण है यदि इस पर नियंत्रण करने में सफलता मिल जाती है तो हरियाणा,पंजाब व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खेतों में जल रही पराली का धुआ बहुत अधिक समस्या पैदा नहीं कर पाएगा।इन राज्यों में पराली जलाने पर रोक के लिए दिल्ली सरकार को लगातार प्रयास करते रहना चाहिए लेकिन दिल्ली सरकार व दिल्ली की अन्य सरकारी एजेंसियों को प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए।इसके लिए ग्रैब के नियमों को पूरी इच्छाशक्ति से लागू कराए जाने की आवश्यकता है।सड़कों पर धूल उड़ने से रोकने के लिए प्रभावी उपाय किए जाने चाहिए ताकि इसे रोका जा सके।निगरानी के लिए भी एक तंत्र विकसित किया जाना चाहिए ताकि कर्मचारियों की लापरवाही से प्रदूषण के खिलाफ जंग कमजोर ना पड़ने पाए।
Have a Happy and Learning Day
Shivani Pal (MAJMC- 1st)
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