II 74वां गणतंत्र दिवस II


गणतंत्र दिवस हमारे देश के लिए बहुत ही खास है, क्योंकि इस दिन हमारे देश के संविधान का निर्माण हुआ था। हमारे देश को ना जाने कितने ही बलिदानों के बाद 15 अगस्त, 1947 को आज़ादी मिली। इस आज़ादी को पाने के लिए कष्ट, मेहनत और एकजुटता से ही पाया गया।

गणतंत्र दिवस इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था।

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के दिन ही क्यों मनाया जाता है? इस दिन ऐसा क्या खास होता है ? हमारे देश को सांविधा की क्यों आवश्यकता है और इसे किसने और क्यों बनाया ? गणतंत्र दिवस कहाँ बनया जाता है? संविधान को बनने में कितना समय लगा ?

गणतंत्र दिवस क्यों है खास

गणतंत्र दिवस का मुख्य उदेश्य है की इस दिन के लिए ना जाने कितने ही लोगों ने अपनी जान को दावं पर लगाया। वैसे तो हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आज़ाद हुआ था, लेकिन वास्तविक रूप 26 जनवरी को हमें आज़ादी हासिल हुई। इस दिन हम सभी लोग महान पुरुषों के बलिदानों को याद करते हैं और प्रेरणा लेते है कि हम अपने देश की आन, बान और शान को इसी तरह से बरकरार करेंगे।

गणतंत्र दिवस का इतिहास

भारत के संविधान को लागू किए जाने से पहले भी 26 जनवरी का महत्व था। हालांकि 26 जनवरी को विशेष दिन के रूप में चयनित इसीलिए किया गया क्योंकि 31 दिसंबर सन् 1929 के मध्य रात्रि में राष्ट्र को स्वतंत्र बनाने की पहल करते हुए लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पंडित जवाहरलाल नेहरू अध्यक्षता में हुआ; जिसमें प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई कि अगर अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को औपनिवेशिक का पद नहीं प्रदान करेगी; तो भारत अपने आप को पूर्ण स्वतंत्र घोषित कर देगा। 26 जनवरी 1930 तक जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं किया तब कांग्रेस ने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपने सक्रिय आंदोलन आरंभ किया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इस लाहौर अधिवेशन में पहली बार तिरंगे को लहराया गया था। लेकिन साथ ही इस दिन सर्वसम्मति से एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया कि प्रतिवर्ष 26 जनवरी का दिन पूर्व स्वराज दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन सभी स्वतंत्रता सेनानी पूर्ण स्वराज का प्रचार करेंगे और इस तरह 26 जनवरी को घोषित रूप से भारत का स्वतंत्रता दिवस बन गया था ।उस दिन से 1947 में भारत में स्वतंत्रता प्राप्त होने तक 26 जनवरी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा।

भीमराव अंबेडकर की सौगात

संविधान बनाने में सबसे अहम भूमिका भीमराव अंबेडकर ने अदा की। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान के उस प्रारूप को स्वीकार किया जिसे डॉक्टर बी.आर अंबेडकर की अध्यक्षता में ड्राफ्टिंग कमेटी ने तैयार किया था। इसी रूप मे संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ और भारत एक गणराज्य बन गया। संविधान को बनने में कुल 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में 26 नवम्बर 1949 को पूरा कर राष्ट्र को समर्पित किया।

2015 से 26 नवंबर के दिन को संविधान दिवस के रुप में मनाया जाने लगा । लेकिन यह अलग बात है कि उसी दिन डॉक्टर बी. आर अंबेडकर की 125 वीं जयंती मनाई जा रही थी।

संविधान सभा में कुल 299 सदस्य थे जिसके अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद थे।

संविधान के तीन भाग 

भाग-1 संघ तथा उसका राज्य क्षेत्रों के विषय में टिप्पणी की गई है और बताया गया है कि राज्य क्या है और उसकी क्या अधिकार है।

भाग-2 में नागरिकता के बारे में बताया गया है कि भारतीय नागरिक कहलाने का अधिकार किन लोगों के पास है और किन लोगों को नहीं ।

भाग-3 में भारतीय संविधान द्वारा पारित मौलिक अधिकारों के विषय में विस्तार से बताया गया है कि भारत के वासियों के पास उनके कौन -कौन से मौलिक अधिकार हैं।

गणतंत्र दिवस; खास दिवस

गणतंत्र दिवस यूं तो हर जगह मनाया जाता है लेकिन राजधानी दिल्ली में इस पर्व की बात ही अलग है। 26 जनवरी के दिन प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति समेत अन्य अतिथिगण समारोह की शान बढ़ाते हैं। जहां भारत के अलग-अलग राज्यों की झांकियां निकाली जाती है। जिसमें कला, साहित्य ,इतिहास और उनके विकास के बारे में दिखाने का प्रयास किया जाता है।

--Vanshika Kumari (BJMC-V)

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