मोदी-ट्रंप की दोस्ती

दुनिया का ध्यान क्यों है मोदी-ट्रंप की दोस्ती पर.... जब एक मंच पर साथ आए सदी के दो बड़े महानायक

एक दौर था जब अमेरिका जैसे तमाम देश,उस समय के गुजरात के मुख्यमंत्री *नरेंद्र मोदी* से इतनी नफरत किया करते थे कि बार-बार मोदी जी को अमेरिकी वीजा देने से साफ मना कर दिया जाता था,वजह स्पष्ट थी : गुजरात का गोधरा कांड,जिस में न जाने कितने मासूम लोगों की जाने चली गई ,तब दौर कुछ और था अब वक्त कुछ और है, वह अमेरिका, जो कभी नरेंद्र मोदी जैसी व्यक्ति के बारे में बहुत हद तक बुरा सोचता था लेकिन आज उसी अमेरिका में वही नरेंद्र मोदी रैलियां करते हैं,भाषण देते हैं, यहां तक कि,वहां की ट्रंप सरकार को पूरी तरह समर्थन देते हुए उनका खुला प्रचार भी करते हैं, दोस्तों आप यह भी सोच रहे होंगे कि उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और इस वक्त के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में क्या फर्क आया है,यहां आपको समझना ये भी जरूरी है,की यह फर्क भारत जैसे सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के सुप्रसिद्ध मुखिया का है ।आखिर नरेंद्र मोदी के HOWDY MODI से भारत और अमेरिका के नागरिकों को क्या मिला ? तो सबसे पहले,हम बात करेंगे प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिकी दौरे से भारत को क्या मिलेगा ?  और HOWDY MODI जैसे इवेंट का, हमारे ऊपर इसका दूरगामी परिणाम क्या हो सकता है ?

 मेरे हिसाब से कुछ दिनों पहले ही, अमेरिकी राष्ट्रपति *डोनाल्ड ट्रंप* ने भारत से GSP का लाभ लेने वाले देशों की लिस्ट से बाहर करने की घोषणा की,  जिससे हमारे अर्थव्यवस्था पर इसके गंभीर परिणाम साबित हुए ।।  पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति की नजदीकियों से शायद फिर हमें GSP वाले देशों की लिस्ट में फिर से जगह मिल जाए, जिससे भारत को 2024 तक विकसित देश का टैग मिल सके और भारत पुनः आर्थिक महाशक्ति रूप में अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर सकेगा,अभी कुछ ही दिनों पहले ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की बात की थी,लेकिन कल ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री *इमरान खान* के साथ में द्विपक्षीय बातचीत में ट्रंप ने साफ मना कर दिया, HOWDY MODI कार्यक्रम कश्मीरी पंडितों का एक खास जत्था गया था, जिन्होंने वहां पर *मां कश्मीर मेरा कश्मीर* जैसे नारे लगाए, और प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात भी की,इस बड़े कार्यक्रम ने भारत को विश्वपटल पर विश्व प्रसिद्ध देशों के रूप में स्थापित कर दिया है, अब अमेरिका भी इस बात से गुरेज नहीं कर रहा है कि भारत भी आर्थिक महाशक्ति है । दूसरी तरफ इस रैली ने ट्रंप को मोदी का मुरीद(fan) कर दिया जैसा कि आपको पता है, अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं और अमेरिका में तकरीबन *दो लाख से ज्यादा* भारतीय रहते हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में जिस तरह मोदी की लोकप्रियता है,उसे किसी भी हाल में डोनाल्ड ट्रंप गवाना नहीं चाहते ।इसकी एक झलक अमेरिका में हुए *HUSTON* कार्यक्रम  में बहुत से दूरगामी परिणाम नजर आ रहे हैं ।अब देखना यह है कि *दो ध्रुवों की दोस्ती कैसा रंग लाएगी* ?



Have a Happy and Learning Day
Jyoti Singh ( PGDJMC)

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