अंतराष्ट्रीय मज़दूर दिवस

दुनिया भर में अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस 1 मई को मनाया जाता है। जिस पर हमारे देश की समस्त आर्थिक उन्नति टिकी हुई है, वह कोई और नही बल्की मजदूर वर्ग है। भवन निमार्ण हो या पुल व सड़को का निमार्ण, सभी कार्यो में मजदूरों के श्रम का योगदान बहुत महत्वपूर्ण हैं। देश भले ही कोई भी हो उसकी तरक्की उसके किसान व मजदूरों पर निर्भर होती है। जैसे एक मकान को खड़ा करने के लिए मजबूत नीव की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, उसी तरह उस नीव को रखने में मज़दूरों की भी अहम भूमिका होती है।मज़दूरों की महनत व द्रढ़ संकल्प को मनाने के लिए इस विशेष दिन समर्पित किया गया है।






आज के मशीनों के दौर में भी मज़दूरों की महत्वता कम नही हुई हैं। पहले के समय में मज़दूरों के हालात बहुत खराब थे। उन्हें कड़ी महनत करते हुए दिन में 15 घंटों तक काम करना पड़ता था। कड़ी महनत के साथ काम करने के बावजूद़ उन्हें कम मज़दूरी दी जाती थी। इस बीच कई बार उन्हें चोट भी लग जाती थी व अन्य भयानक समस्या पैदा हो जाया करती थी। इन सभी समस्याओं के चलते मज़दूर यूनियनों ने इसके खिलाफ आवाज़ उठाई। कई संगठनों ने लम्बें समय तक अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। इस लड़ाई के बाद ही मज़दूरों के लिए 8 घंटों की काम करने की संख्या तय की गई थी।और इसलिए इसे आठ घंटे के रुप में भी जाना जाता हैं।  इसके अनुसार एक व्यक्ति को केवल आठ घंटों के लिए काम करना चाहिए। उसे मनोरंजन के लिए आठ घंटे औरआराम के लिए आठ घंटे मिलना आवश्यक है। इ आंदोलनसे मज़दूर दिवस की शुरूवात ुई थी



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