मकर संक्रांति: फसल और उत्सव का पर्व



मकर संक्रांति भारत का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का प्रतीक है और दिन-रात की समानता की शुरुआत का सूचक है। मकर संक्रांति फसलों की कटाई का पर्व है और इसे देशभर में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है, जैसे पंजाब में लोहड़ी, गुजरात में उत्तरायण, असम में भोगाली बिहू और दक्षिण भारत में पोंगल।

मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ का खास महत्व होता है। इस दिन लोग तिल-गुड़ के लड्डू, खिचड़ी और अन्य पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं। पतंगबाजी भी इस त्योहार का एक खास हिस्सा है। लोग घरों की छतों पर इकट्ठा होकर पतंग उड़ाते हैं और "पतंग कट गई!" की आवाजों से आसमान गूंज उठता है। साथ ही, गंगा स्नान और दान-पुण्य को भी शुभ माना जाता है।

मकर संक्रांति केवल एक पर्व नहीं, बल्कि नई शुरुआत, प्रकृति के प्रति आभार और खुशियों को बांटने का प्रतीक है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि जीवन में सकारात्मकता और संतुलन बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। चाहे पतंग उड़ाने की खुशी हो या दान का सुख, मकर संक्रांति हर दिल में उमंग और जोश भर देती है।

khushi agarwal

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