Chhath Puja
आस्था और परंपरा का पर्व
परिचय
भारत में जितने भी त्योहार मनाए जाते हैं, उनमें छठ पूजा का स्थान अलग है। यह त्योहार मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े उत्साह से मनाया जाता है। छठ को सूर्य देव और छठी मैया की पूजा के रूप में जाना जाता है। लोग इस पर्व को पूरी निष्ठा और अनुशासन के साथ मनाते हैं।
छठ पूजा का महत्व
छठ पूजा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें प्रकृति और सूर्य की उपासना होती है। सूर्य को जीवन का आधार माना गया है और छठ पूजा में उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है। माना जाता है कि छठ व्रत से परिवार में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य बना रहता है।
चार दिनों का पर्व
छठ पूजा चार दिनों तक चलता है -
पहला दिन नहाय-खाय, जब घर की सफाई होती है और शुद्ध भोजन बनाया जाता है।
दूसरा दिन खरना, जिसमें व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखकर शाम को गुड़-चावल और दूध से बनी खीर खाते हैं।
तीसरे दिन लोग डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं।
चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत पूरा होता है।
पारंपरिक प्रसाद
छठ पूजा में बनाए जाने वाले पकवान खास होते हैं। इनमें ठेकुआ, गुड़ का प्रसाद, चावल-भात और मौसमी फल शामिल रहते हैं। ये सभी प्रसाद पूरी शुद्धता और सादगी के साथ बनाए जाते हैं।
निष्कर्ष
छठ पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह त्योहार परिवार और समाज को जोड़ने वाला पर्व है। इसमें आस्था, श्रद्धा और अनुशासन का गहरा संदेश छिपा है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि प्रकृति और ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त करना जीवन का हिस्सा होना चाहिए।
GAMINI PATHAK
BJMC 3
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