आत्महत्या एक हत्या है, समझें कैसे ?

आए दिन अखबार के किसी कोने में देखने को मिल जाता हैं की कभी किसी ने परीक्षा मे फेल होने पर फांसी लगाई तो किसी ने प्यार में नाकाम होने पर किसी ने खुद को आग के हवाले कर दिया।बदलती जीवनशैली के कारण आज युवाओं के भीतर सहनशक्ति में भी अत्याधिक कमी देखी जा रही है |

वर्तमान समय में लगभग सभी ओर प्रतिस्पर्धा हावी हो चुकी है| पढ़ाई, कॅरियर और पारिवारिक जिम्मेदारियां कुछ ऐसे महत्वपूर्ण कारक हैं जिनमें असफलता व्यक्ति को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर देती है| जाहिर है कोई व्यक्ति अपने सुनहरे सपनों और बहुमूल्य जीवन का अंत खुशी से नहीं करेगा | अगर वे आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठाते हैं या कोशिश भी करते हैं तो इसके पीछे उनकी कोई बहुत बड़ी विवशता होती है |

कितना आसान है आत्महत्या करना। पंखे से लटक जाआे, उंची जगह से कूद जाआे,ट्रेन की पटरी पर लेट जाआे,ब्लेड से नसें काट लाे,काेई कीटनाशक पी लाे,….आैर न जाने क्या क्या। कहा जाता है कि आत्महत्या करने वाला इंसान निराश,हताश,तनावग्रस्त आैर दुखी हाेता है। पर क्या आत्महत्या इस दुख काे कम कर देती है…यकीनन नहीं। मरने वाला ताे मर जाता है लेकिन वह दुख किसी और काे दे जाता है आैर वह भी जिंदगी भर के लिए। जिस परिवार में किसी ने आत्महत्या की हाे,जरा उससे पूछिए।हाल के कुछ दिनाें में आत्महत्या की कई वारदातें हुई हैं जिसने इस विषय काे माैजूं हना दिया है कि इस पर कुछ लिखा जाए। दुनियां में हर साल अनुमानत: 10 लाख लाेग आत्महत्या करते हैं। आंकड़े आगे पीछे हाे सकते हैं। यानि हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति अपनी जीवनलीला समाप्त कर लेता है। भारत में हर साल करीब 1 लाख लाेग आत्महत्या करते हैं। क्याें करते हैं लाेग आत्महत्या ? लाेगाें के मन में आत्महत्या करने के विचार क्याें पनपते हैं? इतना बड़ा कदम उठाने से पहले लाेग क्या साेचते हैं?


 
आत्महत्या करना किसी समस्या के समाधान का हिस्सा नहीं बल्कि कायरता की निशानी है। आत्महत्या के विचार त्याग कर इस अमूल्य जीवन को जीने की कला सीखें और वास्तु-विषय आपके समस्याग्रस्त जीवन को अति-शीघ्र खुशहाल एवं समृद्धिदायक स्थिति में परिवर्तित करने में पूर्ण रूप से सक्षम है।हर आत्महत्या के पीछे एक दर्द भरी कहानी होती है परन्तु ऐसे वह कौन से घर होते हं जहां पर परिवार का कोई सदस्य ऐसे भयावह कदम उठाने पर मजबूर हो जाता है? 

इसलिए हम कह सकते हैं कि आत्महत्या एक हत्या ही है ।

Divyansh Yadav
Pgd ii

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