विश्व पर्यावरण दिवस विशेष!

विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को दुनिया भर में मनाया जाता है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित है इसके माध्यम से वैश्विक स्तर पर पर्यावरण के लिए राजनैतिक और सामाजिक जागृति लाने के लिए मनाया जाता है।

इसकी शुरुआत 1972 में 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन से हुई।

5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस दिवस का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरुक करना तथा पर्यावरण के लिए कार्य करना है.

विश्व पर्यावरण दिवस को पर्यावरण दिवस और ईको दिवस के नाम भी जाता है। ये वर्षों से एक बड़े वार्षिक उत्सवों में से एक है जो हर वर्ष 5 जून को अनोखे और जीवन का पालन-पोषण करने वाली प्रकृति को सुरक्षित रखने के लक्ष्य के लिये लोगों द्वारा पूरे विश्व भर में मनाया जाता है।




प्रत्येक साल 'विश्व पर्यावरण दिवस' के अवसर पर एक विषय का चयन किया जाता है जिसके अनुरूप ही सभी देशों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. पीछले साल यानि की 2019 में इसका थीम- ‘वायु प्रदूषण’ था,लेकिन इस साल का थीम 'बायो डायवर्सिटी' यानि कि जैव विविधता रखा गया है।जैव विविधता का मतलब जैविक-विविधता है जो जीवों के बीच पायी जाने वाली विभिन्नता है जो कि प्रजातियों में, प्रजातियों के बीच और उनकी पारितंत्रों की विविधता को भी समाहित करती है।  जैव विविधता का संतुलन हम सभी को बना कर रखना चाहिए। अगर यह संतुलन थोड़ा सा भी बिगड़ता है तो पर्यावरण अनियंत्रित हो जायेगा। वर्तमान परिस्थितियों में यह थीम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। जैव विविधता असंतुलित ना हो इसके लिए सभी को इस क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए। प्रकृति चीजों से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।हमेशा से जैव विविधता को नियंत्रित कर के रखना चाहिए।प्रकृति चीजों के खिलवाड़ की वजह से ही आज पूरा विश्व कोरोना जैसे महामारी से जूझ रहा है।असमय आंधी-तूफान,बाढ़ या सुखाड़ का आना पर्यावरण असंतुलन का कारण ही है। देश में इतने प्रकृति संकट के बाबजूद भी लोग मानने को तैयार नहीं है। हर समय लोग प्रकृति चीजों से खिलवाड़ कर रहे है।पिछले दिनों केरल के मल्लपुर में जिस तरीके से लोगों ने एक गर्भवती हथिनी को पटाखे से भरा अनानास खिलाकर मार डाला।इस तरह के कुकृत और अमानवीय घटना इंसानियत पर सवालिया निशान खड़ा करता है।इसी तरह की घटना के वजह से देश और विदेश में प्रकृतिक आपदाएं हो रही है क्योंकि इससे पारिस्थितिकी तंत्र अनियंत्रित हो जा रहा है।

हमारे पर्यावरण की स्थिति प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के कारण दिन प्रति दिन गिरती जा रही है। बेहतर भविष्य के लिए पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हमें हमारे देश में पर्यावरण के अनुकूल विकास को बढ़ावा देना चाहिए।

प्रधानमंत्री जी भी मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से आगामी 5 जून को लोगों से एक-एक पेड़ लगाने और पक्षियों को इस गर्मी में पीने का पानी इंतजाम करने का अनुरोध किया है,ताकि ऐसा करने से प्रकृति के साथ लोगों का रिश्ता बना रहे।

नदी में कचड़ा फेककर,जानवरो को मारकर,हवा को प्रदूषित कर के, वनों की कटाई कर के हम सभी पर्यावरण को तो नुकसान पहुंचा ही रहे है इसके साथ साथ हम सभी अपने आप को,समाज को,अपने चाहने वाले को,अपने परिवार को और अपने आने वाले भविष्य को भी नुकसान पहुंचा रहे है और घोर संकट में डाल रहे है।

अतः कम से कम अभी से भी जल को दूषित ना करे,उसे संरक्षित करे।पर्यावरण को प्रदूषित न करे। अपने लिए सोचे और अपने आने वाले भविष्य के लिए भी सोचे।जब पर्यावरण स्वस्थ रहेगा तभी हम सभी स्वस्थ रहेंगे। वृक्षारोपण करे इससे पर्यावरण को हरियाली के साथ साथ आपके दिल,दिमाग और भविष्य को भी हरियाली मिलेगी क्योंकि 'एक पेड़ सौ पुत्र समान'! जिससे प्रकृति के साथ आपका हर दिन का रिश्ता बना रहे और हमारा प्रकृति भी सुरक्षित रहे। पशु,पक्षियों,पेड़-पौधों का देखभाल करे।

इसके साथ साथ आज इस 'विश्व पर्यावरण दिवस' पर प्रकृति की सेवा करने का शपथ जरूर ले,ताकि इस वैश्विक दिवस को मानने का उद्देश्य पूरा हो सके।

पर्यावरण सुरक्षित
हमारा समाज सुरक्षित!!

नीतीश कुमार पाठक
BAJMC-2

Comments

Media College in Delhi Popular Posts

Embrace your body - Love the way you are!

Science is a beautiful gift to humanity; we should not distort it

गणेश चतुर्थी: भगवान गणेश के प्रति भक्ति और आदर का प्रतीक