दहेज रूढ़िवादी मानसिकता
नमस्कार,एक लड़की जो कभी ना कभी यह सपना जरूर देखती है कि उसकी शादी होगी।। नया परिवार मिलेगा नए लोग नया घर और उस घर में ढेर सारा प्यार और उसके पति से मान सम्मान और इज्जत खैर,एक लड़की को इससे ज्यादा कुछ चाहिए भी नहीं होता है।।
अपनी शादी के सपने संजोती है तो उन सपनों में सिर्फ अपने ससुराल से अपने और अपने परिवार के लिए इज्जत चाहती है।
और इन सबके बीच लड़की की शादी हो जाती है और उसकी आंखों में बसा सपना सच होने को आता है उसके अंदर एक अलग ही उत्सुकता होती है और हो भी क्यों ना जब भी हम सब का सपना सच होता है हम भी उत्सुक हो जाते हैं हमारी खुशी की अलग सीमा होती है ।।
परन्तु!!!
हमारे समाज में कुछ मानवीय और असामाजिक लोग भी हैं जो सिर्फ लालची होते हैं वह लोग सिर्फ और सिर्फ यही चाहते हैं कि शादी में लड़की के घरवालों से उनको इतना कुछ मिल जाए की पूरी जिंदगी ऐशो आराम से कट जाए।।
इन सबके लिए विवाहिता का पति और ससुराल के बाकी लोग एक मासूम लड़की को हर तरीके से प्रताड़ित करते हैं यातनाएं देते हैं एक लड़की को दहेज के लिए सिर्फ शारीरिक तौर पर ही नहीं मानसिक तौर पर भी प्रताड़ित किया जाता है।।
एक लड़की जिसके इतने सपने होते हैं और उन सपनों की जगह अगर उसे सिर्फ शारीरिक और मानसिक यातना मिले उसको धमकाया जाए उसे यह कहा जाए कि वह अपने मां बाप के घर से रुपए रुपए और महंगी चीजें लाये।।
अगर मान लीजिए लड़की अपने घर से रूपए और महंगी चीजें लाकर दे भी देती है तो क्या लगता है लालची लोगों की लालच खत्म हो जाएगी??? क्या वह फिर से दहेज की मांग नहीं करेंगे???
आप सबको पता है दहेज मांगने का भी एक कला होती है कि सज्जन व्यक्ति दहेज की मांग नहीं कर सकता है।। दहेज मांगने के लिए भी इंसान में निर्लज्जता बेशर्मी और गिरी हुई सोच होने की जरूरत होती है।।।
भारत में दहेज के मामले में बढ़ोतरी हुई ही हुई है और यह भी वो केस है जो फाइलों में दर्ज है वरना अभी न जाने ऐसे कितने केस हैं जो सभी के सामने ही नहीं आए हैं महिलाओं ने शारीरिक मानसिक यातनाएं सह कर अपना दम तोड़ देती हैं और दम तोड़ने के साथ एक उम्मीद भी टूट जाती है कि एक दिन आएगा जब सब कुछ ठीक हो जाएगा। पर महिला का दिल कोमल और मोम की तरह पिघलने वाला होता है जो ऐसी उम्मीदें रखती हैं कि उन्हें यह नहीं पता होता कि सब कुछ उन्हीं की तरह कोमल दिल के नहीं होते हैं ऐसे लोग शादी को सिर्फ रूपए कमाने का जरिया समझता है।।
दहेज एक रूढ़िवादी मानसिकता है हमारे समाज की जो आए दिन किसी न किसी महिला की जान ले लेती है।।
NISHU SINGH
BJMC 2
अपनी शादी के सपने संजोती है तो उन सपनों में सिर्फ अपने ससुराल से अपने और अपने परिवार के लिए इज्जत चाहती है।
और इन सबके बीच लड़की की शादी हो जाती है और उसकी आंखों में बसा सपना सच होने को आता है उसके अंदर एक अलग ही उत्सुकता होती है और हो भी क्यों ना जब भी हम सब का सपना सच होता है हम भी उत्सुक हो जाते हैं हमारी खुशी की अलग सीमा होती है ।।
परन्तु!!!
हमारे समाज में कुछ मानवीय और असामाजिक लोग भी हैं जो सिर्फ लालची होते हैं वह लोग सिर्फ और सिर्फ यही चाहते हैं कि शादी में लड़की के घरवालों से उनको इतना कुछ मिल जाए की पूरी जिंदगी ऐशो आराम से कट जाए।।
इन सबके लिए विवाहिता का पति और ससुराल के बाकी लोग एक मासूम लड़की को हर तरीके से प्रताड़ित करते हैं यातनाएं देते हैं एक लड़की को दहेज के लिए सिर्फ शारीरिक तौर पर ही नहीं मानसिक तौर पर भी प्रताड़ित किया जाता है।।
एक लड़की जिसके इतने सपने होते हैं और उन सपनों की जगह अगर उसे सिर्फ शारीरिक और मानसिक यातना मिले उसको धमकाया जाए उसे यह कहा जाए कि वह अपने मां बाप के घर से रुपए रुपए और महंगी चीजें लाये।।
अगर मान लीजिए लड़की अपने घर से रूपए और महंगी चीजें लाकर दे भी देती है तो क्या लगता है लालची लोगों की लालच खत्म हो जाएगी??? क्या वह फिर से दहेज की मांग नहीं करेंगे???
आप सबको पता है दहेज मांगने का भी एक कला होती है कि सज्जन व्यक्ति दहेज की मांग नहीं कर सकता है।। दहेज मांगने के लिए भी इंसान में निर्लज्जता बेशर्मी और गिरी हुई सोच होने की जरूरत होती है।।।
भारत में दहेज के मामले में बढ़ोतरी हुई ही हुई है और यह भी वो केस है जो फाइलों में दर्ज है वरना अभी न जाने ऐसे कितने केस हैं जो सभी के सामने ही नहीं आए हैं महिलाओं ने शारीरिक मानसिक यातनाएं सह कर अपना दम तोड़ देती हैं और दम तोड़ने के साथ एक उम्मीद भी टूट जाती है कि एक दिन आएगा जब सब कुछ ठीक हो जाएगा। पर महिला का दिल कोमल और मोम की तरह पिघलने वाला होता है जो ऐसी उम्मीदें रखती हैं कि उन्हें यह नहीं पता होता कि सब कुछ उन्हीं की तरह कोमल दिल के नहीं होते हैं ऐसे लोग शादी को सिर्फ रूपए कमाने का जरिया समझता है।।
दहेज एक रूढ़िवादी मानसिकता है हमारे समाज की जो आए दिन किसी न किसी महिला की जान ले लेती है।।
NISHU SINGH
BJMC 2
Comments
Post a Comment