कभी कभी एक अंजान चहरा बहुत कुछ सिखा जाता है.

कभी ना कभी किसी ना किसी मोड़ पर रास्ते में चलते चलते हमारी आंखे कहीं न कहीं टिक जाती है जो हमारी आंखो से होता हुआ हमारे दिल को छू जाता है जो आपको वही रोक देता है आप आगे बढ़ी नहीं पाते आगे जाना चाहते हैं लेकिन खुद पर कंट्रोल ही नहीं कर पाते । आप बस दो टूक उसे ही देखते रहते हैं। एक पल के लिए आप सब भूल जाते है आपकी लाइफ में क्या चल रहा है क्या परेशानियां हैं आप गुस्से में थे किसी से झगड़ के आए थे ऑफिस का प्रेशर....दुनिया की सारी परेशानियों का बोझ आप जो लेकर घूम रहे होते है वो उन कुछ पलों के लिए साइड में रख देते है।





एक चेहरा जिसने मेरी लाइफ में एक बदलाव लाया उस चहरे को बयान करना मेरी खुशी को चार गुना कर देता है एक अनजान चेहरा आपको वह सिखा जाता हैं  जो आप अपनी जिंदगी में करना तो चाहते है पर कर नहीं पाते मेरे साथ भी कुछ दिन पहले एक ऐसे ही घटना घटी लोगों की भीड़ में से एक मुस्कुराता चेहरा मेरे आंखो के सामने से बाहर आया, दुनिया की तमाम बुराइयों से अनजान उसके चेहरे की मुस्कुराहट ने सबका ध्यान उसकी तरफ खींच लिया जैसा कि हम लोग कहते हैं यह दुनिया बहुत बुरी है पर उस चेहरे को इसका जरा भी मलाल नहीं था चेहरा इतना मासूम था  उसे देखकर अपनी सारी मुश्किलें सारी परेशानियां भूल जाए चेहरे  पर मासूमियत के साथ साथ कुछ कर दिखाने की का जज्बा था जहां हम छोटी-छोटी बातों को करने से पहले बोलने से पहले 10 बार सोचते हैं डरते हैं कहीं कुछ गलत ना हो जाए हम अपना कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए उसे इंप्रूव करने के लिए ना जाने क्या क्या देखते हैं सुनते हैं पढ़ते हैं और फिर भी करी नहीं पाते लेकिन उस चेहरे ने उस पल के लिए मेरी सारी मुश्किल आसान कर दी दुनिया की बनावटी झलक से अलग उस चेहरे में वो नूर था जिसे सब के लिए देख पाना मुश्किल था उस नूर को बस वही देख सकता था जिसकी जिंदगी में उसकी कमी हो मेरी कमी तो पूरी हो गई क्योंकि मैंने उसे देख लिया हम सब देख सकते हैं बस हम लोग अपनी व्यस्त दुनिया में कुछ इस तरह विलीन हो गए हैं कि आंखों के सामने होते हुए भी उसे देखना नहीं चाहते समझना नहीं चाहते हमारी परेशानी  का हल हमारे सामने होता है और हम उसे करने से डरते हैं कुछ ना हो कर भी हमें वह बहुत बहुत बड़ा लगता है और उस बहुत-बहुत बड़े को कम करने के चक्कर में हम छोटी छोटी खुशिया नजरअंदाज कर जाते हैं आप जानना नहीं चाहेंगे कि मैं किस चेहरे की बात कर रही हूं वो चेहरा जिसका  कोई नाम नहीं है वो चेहरा आपको कहीं भी मिल सकता है किसी भी शक्ल में।वो चेहरा आपकी जिंदगी को थोड़ा सा हल्का महसूस करा सकता है आपकी पहाड़ जैसी जिंदगी को फूलों जितना हल्का कर सकता है  मुझे वो चेहरा एक पार्क में मिल गया । एक 5 से 6  साल की बच्ची की शक्ल में । जिसके कपड़े मिट्टी में सने थे  बाल बिखरे हुए , नंगे पैर,पुरानी सी एक फ्रॉक पहने लोगों की भीड़ से बाहर निकलती हुई सीधा आकर  बोली क्या कर रहे हो तुम लोग?नाटक!! करो करो !और उसकी तालियां जैसे हमारे हौसले को एक नई ताजगी दे रही थी कहने के लिए तो हम प्रैक्टिस कर रहे थे और इतना डर रहे थे एक एक शब्द बोलने में हमारी जान निकल रही थी लेकिन उस चेहरे ने एक  सेकंड में हमें आईना दिखा दिया उस चेहरे का असर मेरे दिल और दिमाग दोनों पर पड़ा उसने मुझे इतना इतना हौसला दिया कि ऐसा लगा जैसे ऐसा कोई काम नहीं जिसे हम कर नहीं सकते हमारी लाइफ में सबसे मुश्किल काम शायद लोगों को फेस करना होता है हम सबसे ज्यादा तभी डरते हैं जब भीड़ हमारे सामने होती है। लेकिन 5 साल की बच्ची के सामने वह भीड़ कुछ भी नहीं थी उसके लिए सिर्फ वो थी वह खुद !उसे कुछ फर्क नहीं पड़ता उसे कौन देख रहा है वह किन कपड़ों में है वह कैसी दिख रही है बस वह खुश थी बिंदास थी मस्त थी और हम जैसे लोगों को बहुत कुछ सिखा रही थी इतनी छोटी सी उम्र में उसने मुझे सिखाया कि डर नाम की कोई चीज नहीं होती यह जिंदगी आपकी है इसे लोगों के डर से सहम कर मत जिओ मुझे नहीं पता वह मुझसे अब दोबारा मिलेगी या नहीं लेकिन वह जिंदगी भर उस अनजान चेहरे के रूप में हमेशा मेरे साथ रहेगी मेरी यादों में रहेगी और जब भी मुझे वक्त मिलेगा मेरी बातों की पोटली से एक बात उसकी भी निकलेगी।
एक अंजान चहरा!!

Shivani Pal
Mjmc ii

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