पलायन रोकने को दिल्ली सरकार की पहल, 568 स्कूलों में खाने की व्यवस्था कर नाइट शेल्टर में बदला

कोरोना लॉकडाउन के चलते पलायन करने को मजबूर बड़ी संख्या में लोगों के दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा के पास गाजीपुर में इकट्ठा होने की जानकारी मिलने के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शनिवार को मौके पर जाकर दौरा किया। पैदल ही अपने घरों को निकले ये लोग यूपी बॉर्डर से विशेष बसों में सवार होने के लिए बड़ी संख्या में यहां एकत्र हुए हैं।

इस दौरान मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमने उन्हें परिवहन के लिए कुछ डीटीसी बसें भी प्रदान की हैं। मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे जहां हैं, वहीं रुकें दिल्ली सरकार उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं होने देगी।

सिसोदिया ने कहा कि हमने इन लोगों को ठहराने के लिए गाजीपुर के स्कूलों को रैन बसेरों में बदलना शुरू कर दिया है। मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे अपने घरों या झोपड़ियों को न छोड़ें। बेघर लोग रैन बसेरों में ठहर सकते हैं। हमारे पास पूरी दिल्ली के लोगों को खिलाने की क्षमता है। इसके लिए दिल्ली सरकार ने अगले महीने का राशन भी अभी से बांटना शुरू कर दिया है। प्रति व्यक्ति 7.5 किलो यानि सामान्य से डेढ़ गुना राशन दिया जा रहा है।
सिसोदिया ने ट्वीट कर बताया कि दिल्ली सरकार की करीब 100 और उत्तर प्रदेश सरकार की करीब 200 बसें दिल्ली से पैदल जाने की कोशिश कर रहे लोगों को लेकर जा रही हैं। फिर भी सभी से मेरी अपील है कि लॉकडाउन का पालन करें। कोरोना का असर नियंत्रित रखने के लिए यही समाधान है। बाहर निकलने में कोरोना का पूरा खतरा है।



वैश्विक महामारी बनकर दुनियाभर में फैल चुके जानलेवा कोरोना वायरस को हराने के लिए भारत सरकार की ओर से देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा किए जाने के बाद दिल्ली और एनसीआर के शहरों में रहने वाले गरीब, मजदूर और प्रवासी लोगों का पलायन जारी है।
हालांकि, दिल्ली सरकार ने वादा किया है कि दिल्ली में लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी और सभी को खाना मिलेगा, लेकिन फिर भी लोग दिल्ली छोड़कर जल्द से जल्द अपने गांवों और घरों को पहुंचना चाहते हैं। इसके चलते दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के बॉर्डरों पर लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है।

Muskan Rastogi
BAMC-ii 

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