महामारी के बीच तनाव का खतरा

आज पूरे विश्व में कोरोना का खौफ है । इस बीच अर्थव्यवस्था से लेकर निजी जिंदगी को नुकसान हुआ है आज पूरे विश्व में इस महामारी के कारण डर और इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो चुके हैं इस महामारी  ने अपने चपेट में लाखों लोगों को लिया है यहां तक हजारों की संख्या में जाने गई| कोरोना पीड़ितों को आइसोलेशन में रखा गया है और उनका इलाज चल रहा है। ये सभी इस बीमारी से जंग लड़ रहे हैं पर इस वक्त लड़ाई सिर्फ कोरोना से नहीं है, लड़ाई मानसिक तनाव से भी है  जहां भारत सरकार अपनी पूरी कोशिश इस देश के लोगों की जान बचाने के लिए और इस संकट से निकलने के लिए कड़े कदम उठा रही है वहीं दूसरी ओर कोरोना पीड़ितों की सेवा में लगे डॉक्टर, देश के जवानों, सफाई कर्मी, पुलिसकर्मी और वह सभी लोग जो अपने काम से देश सेवा कर रहे हैं। इस महामारी को जड़ से खत्म करने में ये अपनी जान तक गंवा रहे हैं ।



यह चुनौती और दुगनी है क्योंकि लोग मानसिक तनाव से भी ग्रसित हो  रहे हैं| जो कोरोना पीड़ित है उनको अकेला रखा जा रहा है वह अकेले खुद से भी लड़ रहे हैं वहीं विश्व के डॉक्टर्स भी इससे अछूते नहीं है उन पर जिम्मेदारियां और मानसिक तनाव दोनों हैं|
बात अगर देश की लोगों की करे तो आज देश के बहुत सी संख्या में लोग हैं जो पैनिक कर रहे हैं और खुद को तनाव से ग्रसित कर रहे हैं| इस समाज में कोरोना का खौफ एक नफरत के मंजर में तब्दील हो रहा है अगर कोरोना पीड़ित ठीक भी हो रहे हैं तो लोग उन्हें ताने दे रहे हैं और यह एक नफरत का रूप ले रहा है|
इस वक्त जरूरी है लोग इस महामारी से लड़ने के लिए खुद को प्रोत्साहन दे और दूसरे को भी हौसला दे क्योंकि इंसान - इंसान का दुश्मन नहीं बल्कि कोरोना है दुश्मन। हमें आपस में नहीं बल्कि इस कहर से मिलकर लड़ना है ।


Ranjana Upadhyay
BAMC-ii

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