कोरोना को लेकर सरकार देर से ही सही लेकिन महत्वपूर्ण कदम उठाये!

#कोरोना वायरस आज वैश्विक महामारी के रूप में तमाम विकसित और विकासशील देश को अपने चपेट में ले लिया है। यह वायरस चीन के वुहान शहर से शुरू हो कर एक महीने के अंदर-अंदर में पूरी दुनिया को तहस नहस कर दिया है। इसी एक महीने में यह वायरस इटली,चीन,अमेरिका और अन्य विकासशील देश में हजारों लोगो को अपने चपेट में ले लिया है और मरने वालो की संख्या सैकड़ो पार कर चुकी है। इस आंकड़े से आप अंदाजा लगा सकते है की यह वायरस कितना तेजी से फैलता है और घातक है।इटली,अमेरिका आदि देश स्वास्थ के मामले में बढ़िया स्तिथि पर है,उसके बावजूद भी वहा के सरकार हाथ खड़ा कर चूका है।

जैसा की आप जानते है की भारत विश्व का सबसे बड़ा लॉक-डाउन से गुजर रहा है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने लोगो को घर से बहार न निकले की कड़ी हिदायत दे रखी है। रेल सेवा,हवाई सेवा सभी को 21 दिनों तक रद कर दिया है। लेकिन क्या आपको पता है की चीन के माध्यम से भारत में 30 जनवरी को पहला कोरोना का मरीज पाया गया था,इस समय यह वायरस चीन,इटली में लोगो को धीरे-धीरे अपने चपेट में ले रहा था।उस समय हमारा सरकार इसे गंभीरता से नही लिया और सभी नागरिकता कानून को लेकर सड़क पर थे। राजधानी सुलग रही थी और देश को चलाने वाले राजधानी में अपना वनवास को मिटाने के लिए सड़क पर थे।

अन्ततः दिल्ली चुनाव का परिणाम आम आदमी के पक्ष में आ ही गया। उस समय यह वायरस अन्य देश में तेजी से फ़ैल रहा था और मानव जाति को अपने चपेट में ले रहा था। उसी समय इस वायरस को लेकर 2 नए मामले केरल में सामने आये, लेकिन देश के वजीरेआज़म विश्व के सबसे शक्तिशाली नेता अमेरिकी राष्ट्रपति के अगवानी में व्यस्त था,उसी दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा एक ट्वीट के माध्यम से इस वायरस से लड़ने के लिए सरकार को दिशा दिखाई,लेकिन उसे भी नजरअंदाज कर दिया गया।

अमेरिकी राष्ट्रपति के जाने के बाद ही दिल्ली हिंसा में तब्दील हो गया। उसी दौरान यह वायरस भी अपना हिंसा इटली,अमेरिका में तेज गति से करने लगा। लेकिन न ही केंद्र सरकार गंभीर दिख रही थी और न ही स्वास्थ विभाग के अधिकारी। फरवरी के अंत में प्रधानमंत्री जी देश से सबसे बड़े प्रदेश यानि की उत्तर-प्रदेश में विकास की गंगा बहा रहे थे।उसी दौरान देश के अलग अलग धर्म-गुरु अपने धर्म के हित का बात कर रहे थे।

अचानक 2 मार्च के बाद यह वायरस भारत में भी अपना रूप दिखाने लगा,क्योकि बाहर अन्य देशों से लोग इस वायरस के डर से आ रहे थे। उसके बाद अचानक से सरकार को आखिरकार नींद खुल ही गया। जब तक नींद खुलता यह वायरस तेज गति से अपना प्रभाव डालना शुरू कर दिया।

देश के अन्य प्रदेशो में इससे संक्रमित होने का अकड़ा बढ़ना शुरू कर दिया। लोगो ने 'जनता-कर्फ्यू' का सहयोग किया।देर से ही जागरूकता अभियान के माध्यम से देश का कोना-कोना इस वायरस के बारे में जानना शुरू किया। धीरे-धीरे सभी कामो को बंद कर दिया गया।प्रदेश के सरकार द्वारा लॉक-डाउन होना शुरू हुआ और अंत में प्रधानमंत्री ने लोगों को 21 दिनों तक घर में पूरी तरीके से कैद रहने का कड़ी हिदायत दे दी।

सभी जहा थे वही रह गए। इससे सबसे ज्यदा असर गरीब,रोज कमाने खाने वाले,दिहाड़ी मजदुर पर पड़ने लगा। जो अन्य प्रदेशो में अपने परिवार से अलग रहकर कमाता था।वह सोच में पड़ गया क्योकि काम बंद और पूरी तरीके आवागमन के साधन बंद।लोगों ने विवश हो कर अपने घर के लिए पैदल ही निकल गए।इस गंभीर स्तिथि में सब्जियो और जरूरतमंद सामानों का दाम मुहमाँगा हो गया।जनता पूरी तरीके से परेशान हो गया क्योकि आज तक इतना बड़ा बंद कभी नही हुआ था।
लेकिन यह बंद मानवजाति के हित में है।घर में आप सुरक्षित रहेंगे तभी कोरोना से जीत पाएंगे। प्रधानमंत्री जी भी बोले की जान है तो जहान है।इसके बाबजूद भी लोग घर से बाहर निकल रहे है एवम् लॉक-डाउन का मज़ाक उड़ा रहे है।




सरकार ने इस लॉक-डाउन के दौरान कोई भूखा न मरे इसके लिए करोड़ो का पिटारा खोल दिया,लेकिन सरकार को यह भी सुनिश्चित करना होगा की यह पैसा और सुविधा समय रहते गरीबो और जरूरतमंदों तक पहुँचे। जो लोग आज घर आने ले लिए पैदल चल दिए है उनको गंतव्य तक पहुचाने का उत्तम प्रबंध करना चाहिए। जो मनमाने तरीके से पैसा वसूल रहे है उसके लिए सरकार को निर्धारित सूची जारी करना चाहिए।

अंत में सवाल यही है की अगर सरकार इस पर पहले से ही करवाई करती तो आज यह दिन नही देखना होता।देश पूरी तरीके से ठप पड़ा हुआ है।अर्थव्यवस्था दिन प्रतिदिन निचे गिरते चली जा रही है। लोग जहा है वही अटके हुए है।कभी कोई सपने में भी ऎसे बंद भारत का कल्पना नही किया होगा। सोने का पिंजड़ा कहलाने वाला देश आज पूरी तरीके से उस पिजड़े में कैद हो गया है।

लेकिन आप यह भी देख रहे है की इतना बड़ा लॉक-डाउन होने के बाबजूद भी भारत में इस वायरस से संक्रमित होने वालो का अकड़ा बढ़ता ही जा रहा है और मौत का संख्या थमने का नाम नही ले रहा है।

अभी यह वायरस भारत में स्टेज-2 पर है अगर यह अगले पड़ाव पर गया तो भयावह स्तिथि होने से कोई नही रोक सकता। देश का स्वास्थ वयवस्था कैसा किसी से भी छुपा हुआ नही है लेकिन अब पाचतावत का होई जब चिड़िया चुग गई खेत।

अभी भी इसे हमलोग हरा सकते है। कोई बात नही अब जो हुआ सो हुआ । आपलोग लॉक-डाउन का पालन कीजिये। घर में भी लोगो से दुरी बनाकर रहे,सवचछता पर  विशेष ध्यान दे। अफवाह से दूर रहे।जरूरत पड़ने पर  नजदीकी स्वास्थ केंद्र या हेल्पलाइन से संपर्क करे। एक बात और की प्रकृति के चीजो से खिलवाड़ न करे उसका विशेष ध्यान रखे।

हमलोग जीतेंगे, करोना हारेगा।


Nitish Pathak
BAMC-ii 

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