कोरोना से बचने के उपाय

कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है। पूरी दुनिया में इसे लेकर पैनिक की स्थिति देखने को मिल रही है। हर दिन हजारों नए मामले सामने आ रहे हैं जबकि सैकड़ों लोगों की मौत हो रही है। दुनिया भर के कई शहरों और पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति देखने को मिल रही है। दुनिया भर में हवाई उड़ानें, अंतरराष्ट्रीय इवेंट और सालाना जलसे रद्द किए जा रहे हैं। यूरोप इस बीमारी का नया केंद्र बनकर उभरा है जबकि लैटिन अमरीका, अमरीका और मध्य पूर्व के देशों में संक्रमण फैलने की दर प्रतिदिन बढ़ रही है।
हालांकि कुछ देश इस वायरस के संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगा पाने में कामयाब रहे हैं। अजीब संयोग यह है कि ये वैसे देश हैं जो भौगोलिक तौर पर चीन से नजदीक स्थित एशियाई देश हैं। इस वायरस की शुरुआत चीन से ही हुई थी। लेकिन चीन के पड़ोसी देश इस वायरस के संक्रमण पर अंकुश लगाने में कामयाब दिख रहे हैं। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में महामारी रोगों के विशेषज्ञ टॉलबर्ट नेन्सवाह ने बीबीसी को बताया, "कुछ देश हैं जिन्होंने इसे फैलने पर अंकुश लगाया है, उनसे हम सबको सीखना चाहिए। मैं केवल चीन की बात नहीं कर रहा, जिसने आक्रामक तौर तरीकों से इस पर अंकुश लगाया है। हालांकि उन तौर तरीकों को लोकतांत्रिक देशों में लागू करना संभव नहीं होगा। लेकिन दूसरे देश भी हैं जिन्होंने दूसरे कारगर तरीकों का इस्तेमाल किया है।"
उदाहरण के लिए चीन के पड़ोस में 2।36 करोड़ की आबादी वाले ताइवान में 24 मार्च तक कोरोना वायरस संक्रमण के 215 मामले सामने आए थे जबकि केवल दो मौतों की पुष्टि हुई थी। 75 लाख की आबादी वाले हॉन्ग कॉन्ग में 386 मामले सामने आए हैं और दो महीनों के दौरान चार लोगों की मौत हुई है। हालांकि, बीते एक सप्ताह के दौरान यहां संक्रमण के मामले में तेजी आई है। अकेले 24 तारीख को 101 नए मामले सामने आए हैं। 12 करोड़ की आबादी वाले जापान में 24 मार्च तक 1140 मामले सामने आए हैं जबकि दक्षिण कोरिया में 9037 मामले सामने आए हैं। इन दोनों देशों में हाल के सप्ताह में संक्रमण और मौत, दोनों मामलों में कमी देखने को मिली है। महामारी रोगों के विशेषज्ञ टॉलबर्ट नेन्सवाह के मुताबिक, इन देशों ने कोरोना वायरस के संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए कारगर प्रावधानों को तेजी से लागू किया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक इस महामारी के प्रसार को रोकने की दिशा में सबसे अहम कारक इसकी शुरुआती पहचान है। बीबीसी ने जिन विशेषज्ञों से बात की, वे भी इसकी पुष्टि करते है। नेन्सवाह के मुताबिक, "कितने लोग संक्रमित हैं, ये जाने बिना आप ना तो इसके असर के बारे में जान सकते हैं और ना ही आप कारगर कदम उठा सकते हैं।" अमरीका के टेंपल यूनिवर्सिटी के इपिडिमिलॉजी की प्रोफेसर क्रायस जॉनसन इससे सहमत हैं। उनके मुताबिक यह सबसे ज्यादा अंतर पैदा करने वाला कारक है, जिन देशों ने जांच कराने पर जोर दिया वहां नए मामलों में कमी देखने को मिली, जिन देशों में जांच कराने पर जोर नहीं दिया गया वहां संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े।

मिलने से पहले अच्छे से जान लें

ब्लाइंड डेट पर आप जिस भी शख्स के साथ मिलने जा रहे हैं उसे पहले अच्छे से समझ लें। बेहतर होगा कि पहली बार मिलने से पहले अपने साथी से फोन पर कुछ दिन बात करें जिससे आप उन्हें आसानी से समझ सकते हैं। आप साथी को शुरुआत में जितनना समझ लेंगे आपको आगे उतनी ही आसानी होगी।

हाइजीन का विशेष ध्यान

डेट पर हाइजीन का भी अच्छा ख्याल रखें। क्या पता आप जिसके साथ डेट पर जा रहे हैं वो हाइजीन को लेकर काफी जागरूक हो। वैसे हाइजिनिक रहना आपके स्वास्थ्य के लिए भी बढ़िया है।

अल्कोहल से परहेज

ब्लाइंड डेट पर अल्कोहल से परहेज करें। हालांकि आपका मन बहकने का जरूर करेगा लेकिन खुद को थोड़ा कंट्रोल करें। अल्कोहल का सहारा लेकर कुछ लोग बहकने का बहाना भी बना सकते हैं।

समय का पक्का

ब्लाइंड डेट पर समय पर पहुंचने का प्रयास करें। आप दोनों का समय कीमती है। यदि आपको देर हो भी रही हो तो सूचित जरूर कर दें।

झूठ बिल्कुल न बोलें

अपने बारे में बड़ी-बड़ी ढींगें हांकने से बचें। अपने बारे में उम्र के बारे में, नौकरी और सैलरी के बारे में, अपनी शादी की स्थिति के बारे में, अपनी ऊंचाई, अपने वजन के बारे में या अन्य कुछ भी झूठ न बोलें। क्योंकि बाद में जब हकीकत से पर्दा हटेगा तो सामने वाले पर आपका गलत इंप्रेशन बन सकता है।

विनम्र रहें

आप ब्लाइंड डेट पर विनम्र रहें। इस बात को ध्यान रखें कि ब्लाइंड डेट पर जिस असुविधाजनक स्थिति से आप गुजर रहे हैं आपके सामने वाला भी उसी हालत से गुजर रहा है। इसलिए अगर आप सम्मान नहीं दिखाएंगे तो दूसरे व्यक्ति को बुरा लग सकता है। आप सहज व्यवहार रखें।

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