लॉकडाउन नहीं होता तो भारत में 8 लाख से ज्यादा होते कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों के लिए देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। फिलहाल भारत में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है और अभी तक 6000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। वहीं विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा है कि अगर भारत मे लॉकडाउन नहीं हुआ होता तो यहां मामले आठ लाख से ज्यादा हो गए होते।
विदेशी पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर देश में लॉकडाउन नहीं किया गया होता तो 15 अप्रैल तक देश में कुल मामलों की संख्या 8 लाख 20 हज़ार हो गई होती, जबकि अभी हम 6000 तक हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादा महत्वपूर्ण ये भी है कि ज्यादातर मामले 78 जिलों में स्थानीय संक्रमण के हैं। यहां भारत मे कुल मामलों का 80 फीसदी है।
गौरतलब है भारत कोविड-19 को लेकर लगातार विभिन्न देशों के संपर्क में है। मानवतावादी रुख अपनाते हुए भारत ने कई देशों की मदद भी की है। दुनिया के तमाम देशों से सूचनाएं साझा की जा रही हैं। डब्लूएचओ और कई अन्य संस्थाओं ने भारत के प्रयासों की सराहना की है। वही हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के लिए अमेरिका और ब्राजील जैसे देशों ने भारत की सराहना की है।
भारत में कोरोना के अब तक 6,761 पॉजिटिव केस
भारत में विदेशी नागरिकों सहित कोरोना वायरस महामारी से संक्रमित होने वालों की संख्या शुक्रवार (10 अप्रैल) को बढ़कर 6,761 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी। मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में कहा कि देश में कोविड-19 संक्रमण के चलते 206 मौतें हुई हैं और वर्तमान में कुल 6,039 व्यक्ति महामारी से संक्रमित हैं। वहीं, पिछले 24 घंटे में कोरोना के 896 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 37 लोगों को इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है और 516 (1 माइग्रेटेड) मरीज अब तक इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं।
मंत्रालय ने ने कहा, “महाराष्ट्र में सबसे अधिक 97 मौतें हुई हैं और वहीं, गुजरात में संक्रमण के चलते 17 लोगों की जान गई है। अब तक उपचार के बाद पूर्ण रूप से स्वस्थ हुए 515 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।” देश के 27 राज्य और सभी केंद्र शासित प्रदेशों में से कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक मामले 1,364 महाराष्ट्र से ही आए हैं। इसके बाद 898 मामलों के साथ दिल्ली दूसरे, जबकि 834 मामलों के साथ तमिलनाडु तीसरे स्थान पर है।
Muskan Rastogi
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