कादर ख़ान ने कहा अपने बेटे से कि तुम फिल्मों में काम करने के लायक नहीं,उसी बेटे ने पिता को किया गलत साबित।
बॉलीवुड पर अक्सर नेपोटिज्म को लेकर आरोप लगते रहे हैं। यहां ज्यादातर एक्टर्स अपने बच्चों को बड़ी फिल्मों के जरिए लॉन्च करते रहे हैं। इनमें से कई स्टार्स किड्स को खराब एक्टिंग के चलते ट्रोल किया जाता है। लेकिन इन बातों का इन पर कोई फर्क नहीं पड़ता। एक तरफ जहां इन दिनों बॉलीवुड में स्टार्स किड्स को लॉन्च करने की होड़ मची पड़ी है वहीं दूसरी तरफ कादर खान ने अपने बेटे को फिल्मों में लॉन्च करने से मना कर दिया था।
कादर खान के बेटे सरफराज का जन्म 22 अप्रैल 1976 को हुआ था। कादर खान एक स्टार किड के तौर पर अपने बेटे सरफराज और कद्दुस को लॉन्च कर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया । एक्टर होने के चलते कादर खान के घर में एक्टिंग का माहौल था।
बचपन में जब उनका बेटा सरफराज टीवी देखता तो उनका मन करता था कि वो भी एक्टिंग करें। उसी माहौल को देखते हुए सरफराज ने भी एक्टर बनने के बारे में सोचा। लेकिन सरफराज ने कभी अपने पिता को इस सपने के बारे में नहीं बताया। कादर खान नहीं चाहते थे कि उनका कोई भी बेटा एक्टर बने।
कादर खान का सपना था कि पहले सभी अपनी पढ़ाई पूरी करें। पढ़ाई पूरी करने के बाद जब सरफराज ने अपने पिता को एक्टर बनने के बारे में बताया तो उन्होंने ये कहकर मना कर दिया था कि वो कोई अमिताभ बच्चन नहीं हैं और उन पर पैसे लगाने से पहले वो दो बार सोचेंगे।
पिता की ऐसी बात सुनकर सरफराज को दुख तो हुआ लेकिन उन्होंने अपने दम पर कुछ करने की ठान ली। इसे किस्मत का खेल ही कहा जाएगा कि उन्हें फिल्मों में भी काम मिल गया। वो बात अलग है कि सरफराज फिल्मों में अपनी पहचान नहीं बना पाए। कहने को तो सरफराज ने सलमान खान के साथ फिल्म 'तेरे नाम' और 'वॉन्टेड' में काम किया। लेकिन एक हीरो के तौर पर सफलता उनसे कोसों दूर रही। हीरो ना बन पाने से सरफराज हताश नहीं हुए।
सरफराज अब अपनी एक एक्टिंग अकेडमी चला रहे हैं जिसमें वो नए लड़के-लड़कियों को एक्टिंग वर्कशॉप कराते हैं। इसके बैनर तले वो कई प्ले कर चुके हैं। 'ताश के पत्ते', 'लोकल ट्रेन', 'बड़ी देर की मेहरबान आते आते' जैसे कई नाटकों के जरिए सरफराज खान ने थियेटर की दुनिया में अपना नाम कमाया है।
सरफराज अपने पिता कादर खान को कई फिल्मों में असिस्ट भी कर चुके हैं। इसके अलावा वो कई प्रोडक्शन कंपनी भी चला रहे हैं। आज सरफराज फिल्मों के बादशाह भले ही ना हों लेकिन थियेटर और प्रोडक्शन में उनकी कोई सानी नहीं है।
Shivani pal
Mjmc-ii
कादर खान के बेटे सरफराज का जन्म 22 अप्रैल 1976 को हुआ था। कादर खान एक स्टार किड के तौर पर अपने बेटे सरफराज और कद्दुस को लॉन्च कर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया । एक्टर होने के चलते कादर खान के घर में एक्टिंग का माहौल था।
बचपन में जब उनका बेटा सरफराज टीवी देखता तो उनका मन करता था कि वो भी एक्टिंग करें। उसी माहौल को देखते हुए सरफराज ने भी एक्टर बनने के बारे में सोचा। लेकिन सरफराज ने कभी अपने पिता को इस सपने के बारे में नहीं बताया। कादर खान नहीं चाहते थे कि उनका कोई भी बेटा एक्टर बने।
कादर खान का सपना था कि पहले सभी अपनी पढ़ाई पूरी करें। पढ़ाई पूरी करने के बाद जब सरफराज ने अपने पिता को एक्टर बनने के बारे में बताया तो उन्होंने ये कहकर मना कर दिया था कि वो कोई अमिताभ बच्चन नहीं हैं और उन पर पैसे लगाने से पहले वो दो बार सोचेंगे।
पिता की ऐसी बात सुनकर सरफराज को दुख तो हुआ लेकिन उन्होंने अपने दम पर कुछ करने की ठान ली। इसे किस्मत का खेल ही कहा जाएगा कि उन्हें फिल्मों में भी काम मिल गया। वो बात अलग है कि सरफराज फिल्मों में अपनी पहचान नहीं बना पाए। कहने को तो सरफराज ने सलमान खान के साथ फिल्म 'तेरे नाम' और 'वॉन्टेड' में काम किया। लेकिन एक हीरो के तौर पर सफलता उनसे कोसों दूर रही। हीरो ना बन पाने से सरफराज हताश नहीं हुए।
सरफराज अब अपनी एक एक्टिंग अकेडमी चला रहे हैं जिसमें वो नए लड़के-लड़कियों को एक्टिंग वर्कशॉप कराते हैं। इसके बैनर तले वो कई प्ले कर चुके हैं। 'ताश के पत्ते', 'लोकल ट्रेन', 'बड़ी देर की मेहरबान आते आते' जैसे कई नाटकों के जरिए सरफराज खान ने थियेटर की दुनिया में अपना नाम कमाया है।
सरफराज अपने पिता कादर खान को कई फिल्मों में असिस्ट भी कर चुके हैं। इसके अलावा वो कई प्रोडक्शन कंपनी भी चला रहे हैं। आज सरफराज फिल्मों के बादशाह भले ही ना हों लेकिन थियेटर और प्रोडक्शन में उनकी कोई सानी नहीं है।
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