भारत में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या
भारत में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है, ऐसे में कोरोना संक्रमण की संख्या लगातार बढ़ने के बाद दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में रह रहे तब्लीगी जमात पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं..
तब्लीगी जमात का मतलब -
तब्लीगी जमात यानि मुस्लिमों में ऐसे लोगों का समूह जो धर्म के प्रचार-प्रसार को समर्पित हो। फिलहाल तब्लीगी जमात कोरोना फैलाने को लेकर खबरों में है। ऐसे में जानना जरूरी है कि इस जमात की स्थापना करने वाला इंसान कौन था.
तब्लीगी जमात का संस्थापक -
तब्लीगी जमात की स्थापना 1927 में मोहम्मद इलियास कांधलवी ने की थी। इसका एकल उद्देश्य इस्लाम का प्रचार प्रसार करना था ।
कहां पड़ी इसकी नींव..
हरियाणा के मेवात इलाके में बड़ी संख्या में मुस्लिम रहते थे। 20वीं सदी में उस इलाके में कई लोगों ने इस्लाम धर्म का त्याग कर दिया। यहीं से इलियास कांधलवी को मेवाती मुसलमानों के बीच जाकर इस्लाम को मजबूत करने का ख्याल आया। उस समय तक वह सहारनपुर के मदरसा मजाहिरुल उलूम में पढ़ा रहे थे। वहां से पढ़ाना छोड़ दिया और मेव मुस्लिमों के बीच काम शुरू कर दिया। 1927 में तब्लीगी जमात की स्थापना की ताकि गांव-गांव जाकर लोगों के बीच इस्लाम की शिक्षा का प्रचार प्रसार किया जाए और तबसे यह संगठन तब्लीगी जमात के नाम से दुनिया भर में मशहूर हुआ ।
आतंकियों से भी जुड़े थे इनके तार -
मुख्तार अब्बास नकवी ने तब्लीगी जमात को तालिबानी कहा तबसे कई लोग ये सोच रहे हैं,आख़िर इस संगठन का कहीं आतंकी संगठनों से संबंध तो नहीं ना, दरअसल इतिहास को खंगाला जाए तो ये बात साफ पता चलती है कि हरकत उल जिहाद अल इस्लामी (हूजी) से टूटकर 1985 में बने हरकत उल मुजाहिदीन ने अफगानिस्तान से तत्कालीन सोवियत संघ गठबंधन की सत्ता को उखाड़ फेंकने के लिए पाकिस्तान समर्थक जिहाद में भी हिस्सा लिया था तब कई खुफिया सूत्रों ने ये दावा किया की तकरीबन छह हजार से ज्यादा तब्लीगियों को पाकिस्तान स्थित आतंकी शिविरों में प्रशिक्षित किया गया था और जब गुजरात में गोधरा कांड हुआ तब भी कारसेवकों को जिंदा जलाने में इनका नाम आता रहा है ।
तब्लीगी जमात विवाद में क्यों हो रहा हिंदू मुसलमान -
कोरोना संक्रमण के बीच जबसे तब्लीगी जमात विवाद सामने आया है तबसे तमाम सोशल साइट्स पर हिन्दू मुसलमान विचारधारा की लड़ाई होती साफ दिख रही है,कई तो ये भी आरोप लगा रहें हैं कि तब्लीगी जमात के सदस्यों को जब बस में बैठाकर आइसोलेशन सेंटर ले जाया जा रहा था,तब उनमें से कई मौलवियों ने पुलिस वालों पर थूकने का प्रयास किया ताकि वो भी कोरोना संक्रमण से पीड़ित हो जाएं,लेकिन कई लोग इसपर अलग अलग राय भी रख रहें हैं,
तब्लीगी जमात के सदस्य इस बात से भी इंकार कर रहें हैं कि उन्होंने लापरवाही बरती।
लेकिन देश के अलग अलग राज्यों में इसके सदस्यों को खोजा जा रहा है दरअसल इसके ज्यादातर सदस्यों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है ।
विनती -
कोरोना काल बन चुका है और लगातार इससे संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि होती दिख रही है,लेकिन हम आपसे कुछ विनती कर रहे हैं, आप हर हाल में घर पर रहें और ध्यान दें कि इस समय हिन्दू मुसलमान विचारधारा को आगे बढ़ाने की बात नहीं बल्कि मिलकर कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में साथ देने की है ।
Divyansh Yadav
Mjmc-ii
तब्लीगी जमात का मतलब -
तब्लीगी जमात यानि मुस्लिमों में ऐसे लोगों का समूह जो धर्म के प्रचार-प्रसार को समर्पित हो। फिलहाल तब्लीगी जमात कोरोना फैलाने को लेकर खबरों में है। ऐसे में जानना जरूरी है कि इस जमात की स्थापना करने वाला इंसान कौन था.
तब्लीगी जमात का संस्थापक -
तब्लीगी जमात की स्थापना 1927 में मोहम्मद इलियास कांधलवी ने की थी। इसका एकल उद्देश्य इस्लाम का प्रचार प्रसार करना था ।
कहां पड़ी इसकी नींव..
हरियाणा के मेवात इलाके में बड़ी संख्या में मुस्लिम रहते थे। 20वीं सदी में उस इलाके में कई लोगों ने इस्लाम धर्म का त्याग कर दिया। यहीं से इलियास कांधलवी को मेवाती मुसलमानों के बीच जाकर इस्लाम को मजबूत करने का ख्याल आया। उस समय तक वह सहारनपुर के मदरसा मजाहिरुल उलूम में पढ़ा रहे थे। वहां से पढ़ाना छोड़ दिया और मेव मुस्लिमों के बीच काम शुरू कर दिया। 1927 में तब्लीगी जमात की स्थापना की ताकि गांव-गांव जाकर लोगों के बीच इस्लाम की शिक्षा का प्रचार प्रसार किया जाए और तबसे यह संगठन तब्लीगी जमात के नाम से दुनिया भर में मशहूर हुआ ।
आतंकियों से भी जुड़े थे इनके तार -
मुख्तार अब्बास नकवी ने तब्लीगी जमात को तालिबानी कहा तबसे कई लोग ये सोच रहे हैं,आख़िर इस संगठन का कहीं आतंकी संगठनों से संबंध तो नहीं ना, दरअसल इतिहास को खंगाला जाए तो ये बात साफ पता चलती है कि हरकत उल जिहाद अल इस्लामी (हूजी) से टूटकर 1985 में बने हरकत उल मुजाहिदीन ने अफगानिस्तान से तत्कालीन सोवियत संघ गठबंधन की सत्ता को उखाड़ फेंकने के लिए पाकिस्तान समर्थक जिहाद में भी हिस्सा लिया था तब कई खुफिया सूत्रों ने ये दावा किया की तकरीबन छह हजार से ज्यादा तब्लीगियों को पाकिस्तान स्थित आतंकी शिविरों में प्रशिक्षित किया गया था और जब गुजरात में गोधरा कांड हुआ तब भी कारसेवकों को जिंदा जलाने में इनका नाम आता रहा है ।
तब्लीगी जमात विवाद में क्यों हो रहा हिंदू मुसलमान -
कोरोना संक्रमण के बीच जबसे तब्लीगी जमात विवाद सामने आया है तबसे तमाम सोशल साइट्स पर हिन्दू मुसलमान विचारधारा की लड़ाई होती साफ दिख रही है,कई तो ये भी आरोप लगा रहें हैं कि तब्लीगी जमात के सदस्यों को जब बस में बैठाकर आइसोलेशन सेंटर ले जाया जा रहा था,तब उनमें से कई मौलवियों ने पुलिस वालों पर थूकने का प्रयास किया ताकि वो भी कोरोना संक्रमण से पीड़ित हो जाएं,लेकिन कई लोग इसपर अलग अलग राय भी रख रहें हैं,
तब्लीगी जमात के सदस्य इस बात से भी इंकार कर रहें हैं कि उन्होंने लापरवाही बरती।
लेकिन देश के अलग अलग राज्यों में इसके सदस्यों को खोजा जा रहा है दरअसल इसके ज्यादातर सदस्यों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है ।
विनती -
कोरोना काल बन चुका है और लगातार इससे संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि होती दिख रही है,लेकिन हम आपसे कुछ विनती कर रहे हैं, आप हर हाल में घर पर रहें और ध्यान दें कि इस समय हिन्दू मुसलमान विचारधारा को आगे बढ़ाने की बात नहीं बल्कि मिलकर कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में साथ देने की है ।
Divyansh Yadav
Mjmc-ii
Comments
Post a Comment