“अपने विचारो को व्यक्त करें “
आज कल की रोज़ मर्रा भरी ज़िंदगी में लोग काफ़ी व्यस्त है ।कोई अपने काम काज में अपनी सुचारू ज़िंदगी के व्यस्त भरे जीवन में लोग भूल जाते है अपना मूल रूप जो लोगों के आगे प्रकाशित नहीं हो पाता अथवा उसी के ज़रिए नयी युवा पीढ़ीयों के बच्चों का टैलेंट कहीं छुप सा जाता है । आयिए थोड़ी इसी बात पर चर्चा करते है ।।
कुछ लोग ये सोच कर अपने विचारो को व्यक्त नहीं करते क्योंकि वह सोचते है की मेरी बात अगर किसी को समझ नहीं आयी तो मैं व्यंग का करण बन जाऊँगा या यह सोच कर की लोग मेरे प्रति क्या भावना व्यक्त करेंगे। और भी बहुत सरे ऐसे तथ्ये है जिन्हें सोच कर आज कल के नौजवान शांति के घेरे मैं घिरे रेहते है । पर उनका मानना ग़लत है क्यों की नकारात्मक सोच की उत्पत्ति हमारा दिमाग़ और आस पास का महोल करता है तो उस चीज़ को थोड़ी देर अपने बाजू में रखें ताकि सोचने की क्षमता को थोड़ी और गहराई मिले ।।
आपको खुल कर बोलने की आज़ादी है और आप एक मीडिया के छात्र छात्रा है तो इसमें कोई दोराहे नहीं है की आप बस एक दायरे में अपने विचार को व्यक्त करें ।आपको पूरी छूट है बोलने की अपने आभार विचार को समेटने की ताकि आप अपने मन की बात लोगों तक साझा कर सके ।।
वाक़या बोलने से आपको अपने बोलने का उच्चारण ,शब्दों का नवीनीकरण ,शब्दों का ज्ञान , समूह में बात करना , और नयी नयी विचारधाराओं का ज्ञान ज़रूर मिलेगा । जिससे आपको अपने जीवनशेली में बहुत ही व्यापक ढंग से सेल्फ़ प्रेरणा मिलेगी जो कोई और कभी नहीं सिखा सकता ।।
इसान अपने आप को खुद बदलता है चाहे वो ज़रिया कठिन पड़ाव से होता हुआ ही क्यों ना जाता हो बस एक बार मन में ठान लिया तो ज़रूर होगा ।।
कभी सजीव निर्जीव मैं फ़र्क़ तो देखा हाई होगा या मानव निर्मित और कृतिम चीज़ों को जो इंसानो द्वारा बनाई संरचना का एक भाग है । उन लोगों ने कभी नहीं सोचा होगा की हमारा प्रयोग इतना सफल होगा की रोज़्ज़मर्रा का एक हिस्सा बान जाएगा ! Telephone सम्पर्क सूत्र मोबाइल में टच स्क्रीन और बटन का ना होना इत्यादि इसके ख़ास उदाहरण है ।।
नए विचारो से नयी नयी कलाकृति सामने आती है
अपने कुछ ऐसे विचार जो देश धरा का लिए कारगर साबित हो । कुछ ऐसी विचार जिनसे किसी का भला हो और मानवता का चित्रण विभोरशाली हो । व्यक्त करना तो बनता है ।।
Sachin Pal
Bjmc-vi
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