सिक्के के दो पहलू

पूरा देश कठिनाइयों से गुजर रहा है कोरोना की महामारी लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है, और इसका खौफ लोगों में बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में देश के वजीरे आजम  की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह लोगों को हिम्मत दें, और ना सिर्फ हिम्मत बल्कि उसके लिए ठोस कदम भी उठाए जाएं, जिससे लोगों को हो रही परेशानियों से राहत मिल सके. यह तो सिक्के का एक पहलू है अब बात करते हैं उस पहलू की जिस पर हमारी नजर नहीं जाती या जाती है तो उसे सत्ता के डर से झुका दिया जाता है. लोगों से यह अपील की जाती है कि वह सभी परेशानी में मदद कर रहे लोगों का प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए तालियां बजाएं- दीए जलाएं, ऐसा करने में ना तो कोई बुराई है ना ही किसी को से गुरेज है. पर कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जनता की जुबां पर होना लाजमी है,





जैसे सरकार की तरफ से इस महामारी के लिए क्या-क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. क्या जनता का यह हक़ नहीं है कि वजीरे आजम देश के लिए क्या फैसले ले रहे हैं,जो फैसले हैं उनसे देश में कब तक बदलाव आएंगे ये जान सकें. देश में हो रही सामानों की कमी को कब और कैसे पूरा किया जाएगा ,यह वह सवाल हैं जिन्हें टीवी, अखबारों की लाइनों में होना चाहिए क्योंकि यही माध्यम सरकार से जनता की नजरों तक पहुंचते हैं. ऐसे तमाम सवालों को  देश के हर नागरिक की जुबां पर होना चाहिए, क्योंकि यह देश उनसे है उनके अधिकारों से हैं.

Mubashshra
Bjmc-ii

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